देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –

Saurabh Bahuguna News उत्तराखंड के पहाड़ी सड़कों पर महान हिंदी साहित्य के कलमकार सूर्यकांत त्रिपाठी की कालजई कविता वह तोड़ती पत्थर का जीता जागता नमूना देखने को मिला , जी हां वह तोड़ती पत्थर नहीं वह बेचती काफल यहां पर नजर आ रहा है।
Saurabh Bahuguna News मंत्री सौरभ की दिखी संजीदगी

इन तस्वीरों को देख कर दो बातें समझ आती है एक कि पहाड़ का जीवन आज भी पहाड़ जैसा विकट और चुनौतियों से भरा है जहां छोटे-छोटे बच्चों को भी घर की जिम्मेदारियां निभाने के लिए सड़कों पर काफल बेचना पड़ता है , इस तस्वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि अगर हमारे मंत्री विधायक और सरकार के बड़े जिम्मेदार इसी तरह दरियादिली और संजीदगी दिखाएं तो इस हकीकत को भी संवारा जा सकता है

- Saurabh Bahuguna News यह तस्वीरें बयां करती है हल्द्वानी से बागेश्वर जाते समय की उस घटना का जिसे हमने उत्तराखंड के युवा कैबिनेट मंत्री सौरव बहुगुणा के फेसबुक अकाउंट से लिया है। जिसमें उन्होंने बेटियों के महत्व को बताते हुए जानकारी दी है कि यात्रा के दौरान उन्हें सड़क किनारे इस लड़की को काफल बेचते हुए देखकर दिल पसीज गया और वह उतर कर उससे मिलने पहुंच गए

Saurabh Bahuguna News कमोवेश उत्तराखंड के पहाड़ों में आप जितना अंदर जाएंगे दुर्गम इलाकों में आपको ऐसे नजारे सामान्य नजर आ ही जाएंगे । जहां सड़कों के किनारे छोटे-छोटे बच्चे स्थानीय उत्पादों को बेचते हुए दिख जाएंगे। लेकिन जरूरत इस बात की है कि सरकार इन्हें इनके बचपन के इस जिम्मेदारी से बचाए और आर्थिकी के साथ-साथ शैक्षिक मजबूती देने के प्रयास करें ।

Saurabh Bahuguna News इन तस्वीरों को देखकर उम्मीद जगती है कि अगर उत्तराखंड के राजनेता इसी तरह गंभीरता और संजीदगी दिखाएं तो मसलों को न सिर्फ समझा जा सकता है बल्कि उसका हल भी उन्हीं के बीच रहकर निकाला जा सकता है। उम्मीद की जानी चाहिए कि मंत्री सौरभ बहुगुणा जब अपनी योजनाओं में अपने इस अनुभव को शामिल करेंगे तो एक मजबूत निष्कर्ष भी निकलेगा।
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