Secret Of Kedarnath केदारनाथ धाम वह है जहां आरंभ और अंत एक साथ मिलते हैं. यहां शिव की उपस्थिति का अहसास होता है. इस यात्रा से मुक्ति का मार्ग भी निश्चित हो जाता है. इसका वर्णन शिव पुराण में मिलता है कि, जो व्यक्ति जीवन में केदारनाथ धाम की यात्रा करता है वह मृत्यु के बाद मोक्ष को प्राप्त करता है. साथ ही केदारनाथ दर्शन के बाद यहां मौजूद कुंड का जलपान करने से भी व्यक्ति जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है. केदारनाथ की संपूर्ण महिमा का वर्णन शिव महापुराण में किया गया है.
केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक Secret Of Kedarnath
मान्यता है इस ज्योतिर्लिंग में दर्शन करने मात्र से सारे दुख तकलीफ दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. आपको बता दें कि चारधाम की यात्रा शुरू हो गई है गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोल दिए गए हैं और 2 मई को केदारनाथ धाम के ब्रह्म मुहूर्त में विशेष पूजा अर्चना के साथ कपाट खोल दिए गए और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ केदारपुरी में रोजाना पहुँच रही है। .आपको बता दें कि इस मंदिर से जुड़े कई ऐसे रहस्य हैं, जिसे जानने के बाद हर कोई दंग हो जाता है. जिसमें से एक है अखंड ज्योति का जलना.
केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद करने से पहले चार पहर की पूजा होती है फिर एक ज्योति जलाई जाती है, जिसमें उसके आकार जितना घी डालकर कपाट बंद कर दिए जाते हैं. जब 6 महीने बाद कपाट खुलते हैं, वैसे ही अखंड ज्योति जलती हुई रहती है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु बहुत उत्सुक रहते हैं. केदारनाथ के पंडित इस अखंड ज्योति को लेकर बात करते हुए कहा कि जब 6 महीने के लिए कपाट बंद हो जाते हैं, तो यहां पर देवी-देवता आकर पूजा पाठ करते हैं. वही अखंड ज्योति में घी डालते हैं. यही कारण है 6 महीने बाद भी यह अखंड ज्योति जलती रहती है.
केदारनाथ धाम के दीपक का रहस्य
शिव लोक कहे जाने वाले केदारनाथ धाम का रहस्य भी हैरान कर देने वाला है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है. इसे पंच केदार भी कहा जाता है,क्योंकि इसका निर्माण पांडवों के पौत्र राजा परीक्षित के पुत्र महाराज जममेजा द्वारा कराया गया था. बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार आदि शंकराचार्य ने कराया.
केदारनाथ मंदिर के कपाट जब 6 माह के लिए बंद कर दिए जाते हैं तब भी यह दीपक निरंतर जलता रहता है. इतना ही नहीं आसपास रहने वाले लोगों का यह कहना है कि मंदिर के बंद होने के बाद मंदिर के भीतर से घंटियों की आवाज आती है. इसका रहस्य आज तक कोई नहीं जान सका. लेकिन पुराणों की माने तो, जब मंदिर 6 माह के लिए बंद रहता है तब यहां देवतागण पूजा करते हैं. यानि केदारनाथ मंदिर में छह महीने मनुष्य पूजा करते हैं और छह महीने देवतागण पूजा करते हैं.