Sextortion Cases 2022 सोशल मीडिया आज देश में जन क्रांति और जन संपर्क का सबसे बड़ा प्लेटफार्म बन चुका है। सोशल मीडिया में आते हैं व्हाट्सएप , फेसबुक , इंस्टाग्राम , ट्विटर और टेलीग्राम जैसे माध्यम .. इसके अलावा भी कई ऐसे एप्स है जहां लोग दोस्ती के लिए प्रोफाइल बनाते हैं। लेकिन बीते दो-तीन सालों में जिस तरह से देश में कोरोना काल में बेरोजगारी बढ़ी है और युवाओं में फ्रस्ट्रेशन भी बड़ा है। इसके बाद सोशल मीडिया के इन्हीं प्लेटफार्म को टेक्निकल टूल बनाकर शातिर दिमाग युवाओं ने अपराध के लिए चुन लिया है।
Sextortion Cases 2022 : सावधान वह कपड़े उतारना शुरू कर देती है
- Sextortion Cases 2022 यही वजह है कि देश भर में साइबर क्राइम खासकर सेक्सटॉर्शन और सेक्स से जुड़े आपराधिक मामलों में बढ़ोतरी हुई है। फेक फेसबुक आईडी बनाकर कई राज्यों के आपराधिक प्रवृति के युवा लड़कियों की तस्वीर और बायोडाटा के सहारे पहले लोगों को फंसाते हैं और फिर उनसे अंतरंग और अश्लील बातें कर ब्लैकमेल करते हैं। यूपी , बिहार , गुजरात , राजस्थान उत्तराखंड , महाराष्ट्र , सहित कई ऐसे राज्य हैं जहां बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए घर से दूर रहते हैं। ऐसे में शाम के बाद उनका वक्त मोबाइल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए मनोरंजन तलाशने में गुजरता है। इसी दौरान हो जाता है उनके साथ खेल , हम बात कर रहे हैं ऑनलाइन सेक्सुअल ब्लैकमेलिंग की , जिसके मामले न सिर्फ सरकारों के लिए बल्कि पुलिस प्रशासन के लिए भी अब चुनौती होते जा रहे हैं। क्योंकि इसमें अब इस्तेमाल होने लगी है फेक सिम कार्ड और फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर बनाया गया अकाउंट
- Sextortion Cases 2022 ऐसा ही कुछ मामला बीते दिनों बिहार में सामने आया जहां बिहार पुलिस ने फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए खरीदे गए सिम कार्ड का इस्तेमाल ऑनलाइन सेक्सुअल ब्लैकमेल के लिए करते पकड़ा है। अगर आप भी खूबसूरत लड़कियों की तस्वीरें फेसबुक और व्हाट्सएप पर देखकर उनसे नजदीकियां बढ़ा रहे हैं तो बेहद सतर्क रहिए क्योंकि यही नजदीकियां आप को गले का फंदा बना सकती हैं और आप सामाजिक और आर्थिक तौर पर बेहद मुश्किल में पड़ सकते हैं…
- Sextortion Cases 2022 बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने बताया कि राज्य में यौन शोषण के मामले बढ़ रहे हैं। बिहार पुलिस की आर्थिक और साइबर क्राइम डिविजन (ECCD) ने पिछले तीन-चार महीनों में ऐसे लगभग 15 मामले दर्ज किए हैं। इसने एक संगठित अपराध का रूप ले लिया है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई गिरोह हैं, जो बिहार में अपने साथियों के जरिए वॉट्सऐप वीडियो कॉल पर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं और उनसे पैसे वसूल रहे हैं। दरअसल ऐसे अपराधी फर्जी और जाली डॉक्युमेंट्स पर इशू किए गए मोबाइल सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
- Sextortion Cases 2022 ज्यादातर मामलों में साइबर क्रिमिनल्स फर्जी अकाउंट की मदद लेकर वॉट्सऐप चैट करते हैं। आमतौर पर पुरुषों को निशाना बनाते हैं। कुछ मैसेज भेजने के बाद गिरोह से जुड़ी महिला पीडि़त को वीडियो कॉल करती है। कॉल के दौरान वह कपड़े उतारना शुरू कर देती है। इसके बाद वही रिकॉर्डिंग भेजकर अपराधी, पीड़ित से जबरन वसूली शुरू कर देते हैं। ऐसा नहीं करने पर वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करने की धमकी दी जाती है। पुलिस के मुताबिक, साइबर क्रिमिनल्स पीड़ित को वीडियो के स्क्रीनशॉट भेजते हैं। उसके बदले पैसों की डिमांड की जाती है। जालसाज रैंडम नंबरों पर वीडियो कॉल करते हैं।
- Sextortion Cases 2022 उत्तराखंड साइबर पुलिस भी ऐसे मामलों पर लोगों को सतर्क रहने की हिदायत देती है। देहरादून में मौजूद उत्तराखंड पुलिस की साइबर सेल और एसटीएफ के तेज़तर्रार अफसर अजय सिंह बताते हैं कि देश भर में साइबर क्रिमिनल्स रोजाना अपराध के नए नए तरीके खोज लेते हैं। लेकिन पुलिस की सतर्कता और हाईटेक पुलिसिंग की वजह से ऐसे साइबर क्रिमिनल्स को जल्द पकड़ भी लिया जाता है। लेकिन जब बात सेक्सटॉरशन और निजता से जुडी हो तो ज्यादातर लोग शिकायत नहीं करते हैं और लोकलाज के डर से मामले सामने नहीं आते है। ऐसे में सबसे अच्छा है कि आप ऐसे अश्लील चैटिंग , वीडियो कॉलिंग और फोटो शेयरिंग से बचें।
- Sextortion Cases 2022 शाइनिंग उत्तराखंड न्यूज़ का भी यही कहना है कि अगर आज युवाओं के हांथों में मोबाइल है तो इसका मतलब ये नहीं कि उसका गलत इस्तेमाल ही हो रहा है। ऑनलाइन स्टडी का सबसे बड़ा माध्यम भी यही मोबाइल है। लेकिन जब अपराधी इसी को ठगी का जरिया बना लें तो समझदारी ही बचाव है ये मान कर ऐसे फेक फ्रेंड्स और फ़र्ज़ी कॉल से सम्पर्क बिलकुल न रखें।
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