Shocking facts किसी भी देश की तरक्की और उसकी सुरक्षा में वहां की सेना का बहुत बड़ा योगदान होता है. यह सैनिक ही हैं जो सरहदों की रक्षा करते हैं ताकि देश के अंदर लोग खुशहाल रहें और अपनी जिंदगी बेहतर तरीके से जी सकें. भारतीय सेना के बारे में बहुत सी ऐसी बातें हैं जो बहुत कम लोग ही जानते हैं. आइए, हम आपको इंडियन आर्मी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताते हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे और अपने सैनिकों पर गर्व से सीना चौड़ा हो जाएगा.
सर्जिकल स्ट्राइक में तेंदुए के मल और पेशाब का इस्तेमाल Shocking facts
देश को रक्षा के लिए भारतीय सेना अक्सर आंतरिक और बाह्य ऑपरेशन चलाते है. बात चाहे 2016 में पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने की हो या फिर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खात्मे के लिए ऑपरेशन ऑल आउट. सेना समय-समय पर ऑपरेशन को अंजाम देते रहती है. पाकिस्तान में घुसकर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक तो हर भारतीय को याद भी होगा. अब बात आती है कि क्या सच में भारतीय सेना अपने ऑपरेशन के दौरान तेंदुए का मल-मूत्र रखती है. क्या है यह सच है?
12 सितंबर 2018 में न्यूज एजेंसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व नगरोटा कोर कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र रामराव निंभोरकर, जिन्होंने सितंबर 2016 में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सर्जिकल स्ट्राइक में भाग लिया था, उन्होंने बताया था कि भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान तेंदुए का मल-मूत्र साथ रखा था. उन्होंने खुलासा किया कि सैनिकों ने कुत्तों को उनसे दूर रखने के लिए ऐसा किया था. एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया था कि जिस इलाके से होकर यह कमांडो पाकिस्तान के अंदर जाने वाले थे वह इलाका घने जंगल के अलावा आबादी वाला भी था.
सर्जिकल स्ट्राइक में भारतीय सेना ने तेंदुए के पेशाब का किया उपयोग
कॉर्प कमांडर को डर था कि यहां पर मौजूद कुत्ते इस सर्जिकल स्ट्राइक को नाकाम कर सकते हैं. इसकी वजह ये भी थी कि कुत्तों के भौंकने की वजह से कमांडो की जानकारी वहां के स्थानीय लोगों को हो सकती थी. ऐसे में यदि कुत्ते कमांडोज को काट भी सकते थे. इतना ही नहीं कमांडो बिना मकसद कुत्तो को न तो मार सकते थे न ही कुछ और सकते थे. लिहाजा इन कुत्तों को कमांडो से दूर रखना था. इनको दूर रखने में सबसे बड़ा सहायक था तेंदुए का पेशाब और मल.इसके पीछे एक बड़ी वजह ये थी कि तेंदुए के मल और पेशाब की गंध कुत्तों को तुरंत समझ आ जाती थी और इलाके से भाग कर छिप जाते थे, कमांडोज ने इसका इस्तेमाल पाकिस्तान की सीमा के अंदर किया.
जिस रास्ते को कमांडोज ने चुना वहां पर वह इसकी कुछ बूंदे और मल गिराते चले गए. उन्होंने बताया कि यह एक सीक्रेट मिशन था, लिहाजा इसको अंजाम देने तक इससे जुड़ी कोई भी जानकारी का बाहर आना पाकिस्तान की सीमा में जाने वाले कमांडोज के लिए जानलेवा साबित हो सकता था. इस तरह भारत ने सफलता पूर्वक अपना मिशन पूरा कर लिया था. कई मीडिया में दावा किया जाता है कि ‘भारतीय सेना’ अपने हर सीक्रेट ऑपरेशन के दौरान ‘तेंदुए के मल मूत्र’ का इस्तेमाल करती है.