suicides in Kota : कोचिंग सेंटर्स के लिए सरकार ने जारी की गाइडलाइन

suicides in Kota कोचिंग सिटी कोटा में स्टूडेंट्स द्वारा लगातार की जा रही सुसाइड्स के बाद कोटा सहित प्रदेश के सभी कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए सरकार की ओर से एक गाइडलाइन जारी कर दी गई है. नई गाइडलाइन के मुताबिक अब किसी भी छात्र को कक्षा 9वीं से पहले कोचिंग संस्थानों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही कोचिंग में प्रवेश से पूर्व छात्र को स्क्रीनिंग परीक्षा देनी होगी. स्क्रीनिंग टेस्ट का परिणाम केवल छात्र को ही बताया जाएगा और नए बैच की सिटिंग व्यवस्था छात्रों की रैंक के बजाय अल्फाबेटिकली निर्धारित की जाएगी.

 

एंट्री गेट पर लगेगा लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम suicides in Kota

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स्टूडेंट्स द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान सरकार ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. कमेटी द्वारा तैयार की गई नई गाइडलाइन के अनुसार छात्रों की मॉनिटरिंग के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी के साथ एआई तकनीक आधारित फेसियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी (एफएआरटी) स्थापित करनी होगी ताकि फेक उपस्थिति पर रोक लगाई जा सके. इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे सभी छात्रों का डेटा सरकार अपने पास रखेगी.


शिक्षा सचिव के नेतृत्व में गठित की गई टीम के द्वारा जारी 9 पेज की गाइडलाइन में कोचिंग संस्थानों के साथ- साथ हॉस्टल संचालकों के लिए भी दिशा- निर्देश जारी किए गए हैं. गाइडलाइन के अनुसार अब हॉस्टलों में क्षमता से अधिक छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. साथ ही मेस का चार्ज भी अनुपातिक रूप से लेना होगा और हॉस्टल के एंट्री गेट पर लाइव मॉनिटरिंग स्थापित कर स्टूडेंट की बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करनी होगी. इसके अलावा गर्ल्स हॉस्टल में महिला वॉर्डन की नियुक्ति करना अनिवार्य है.

सीएम ने कोचिग संचालकों को दी थी हिदायत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 18 अगस्त को कोटा सहित पूरे राजस्थान के कोचिंग संचालकों के साथ बैठक आयोजित की गई थी. उन्होंने कोटा में छात्रों की आत्महत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए कोचिंग संचालकों को वर्तमान प्रणाली में सुधार करने के लिए कहा था. सीएम ने कहा था कि आप लोग 9वीं और 10वीं के स्टूडेंट्स को दाखिला देकर अपराध कर रहे हैं. 9वीं, 10वीं के स्टूडेंट पर एंट्रेंस एगेजाम के साथ क्लास में पास होने का डबल दबाव आ जाता है. इसमें बच्चों के माता- पिता की भी गलती रहती है.

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