देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
teacher emotional farewell संत कबीर दास जी ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा है। गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोविंद दियो बताय। उन्होंने गुरु को भगवान से उपर का दर्जा दिया है। ऐसे ही एक गुरु की सेवा ने ग्रामीणों को इतना प्रभावित किया कि उनके स्थानांतरण होने पर छात्र – छात्राएं व अभिभावक रोने लगे।
teacher emotional farewell अंग्रेजी शिक्षक रमेश चंद्र आर्य का ट्रांसफर
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teacher emotional farewell सीमांत चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक में स्थित राजकीय इंटर कॉलेज गणाई में कार्यरत अंग्रेजी शिक्षक रमेश चंद्र आर्य का ट्रांसफर अन्य विद्यालय में होने के बाद, ग्रामीणों ने उन्हें विदाई दी. रमेश चंद्र आर्य ने 18 साल तक पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में सेवा दी और उनका रिजल्ट हमेशा 100 फीसदी रहा. उन्होंने अंग्रेजी जैसे विषय को रुचिकर बनाया और बच्चों को समझाने में आसानी से मदद की. इसलिए, उनके ट्रांसफर से पूरे क्षेत्र के लोगों को भावुकता का एहसास हुआ.
जिले के जानकार बताते हैं कि रमेश चंद्र आर्य जैसे अध्यापकों की वजह से लोगों का सरकारी विद्यालयों में विश्वास और भरोसा बढ़ा है. उन्होंने दुर्गम क्षेत्रों में तैनाती को मिशन मोड में संपादित किया है और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करके इन क्षेत्रों की परिभाषा बदल दी है.
teacher emotional farewell शिक्षक की विदाई समारोह में हर कोई भावुक था. न सिर्फ उनके ट्रांसफर से छात्र-छात्राओं की आंखे आंसू से तर दिखी, बल्कि उनके साथ-साथ उनके परिवार के सभी सदस्य भी भावुक होते हुए दिखाई दिए.गौरतलब है कि रमेश चन्द्र आर्य का अंग्रेजी राइंका गणाई मोल्टा जोशीमठ से 18 साल बाद अन्यत्र स्थानांतरण हो गया है। जिन्होंने लंबे समय तक शिक्षणेत्तर कार्य में हमेशा शतप्रतिशत रिज़ल्ट दिया है। साथ ही ग्रामीणों को अपने परिवार की तरह समझ कर समाजिक कार्यों में भी अपनी उपस्थिति दी है। उनके विदाई पर विद्यालय के छात्रों के साथ अभिभावक भी रो पड़े।
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