Temple Bell Reason : मंदिर में क्यों बजाते हैं घंटा , ये है असली वजह 1 Great Truth

देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –

Temple Bell Reason मंदिर में घंटी लगाने की परंपरा नई नहीं बल्कि सदियों पुरानी है] लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मंदिर में प्रवेश करते ही सबसे पहले घंटी ही क्यों बजाई जाती है, क्या है वजह ये जानने के लिए आपको हमारा ये आर्टिकल ज़रूर पढ़ना चाहिए –


Temple Bell Reason सबसे पहले घंटी ही क्यों बजाई जाती है घंटी

Temple Bell Reason
Temple Bell Reason
  • Temple Bell Reason सनातन धर्म में जितना महत्व पूजा पाठ का है, उतना ही घंटी बजाने का भी है. चाहे मंदिर हो या घर, किसी भी देवी-देवता की आरती बिना घंटी बजाए नहीं की जाती. हर घर के पूजा घर में भी घंटी जरूर रखी होती है. वहीं मंदिरों में भी छोटी और बड़ी घंटियां लगी होती हैं. मंदिर के भीतर प्रवेश करते समय सबसे पहले घंटी बजाई जाती है. मंदिर चाहे देश के किसी कोने में हों या फिर विदेश में, वहां घंटियां जरूर लगी होती हैं
Temple Bell Reason
Temple Bell Reason
  • Temple Bell Reason मंदिर में घंटी लगाने की परंपरा नई नहीं बल्कि सदियों पुरानी है. लेकिन मंदिर में जाकर सबसे पहले घंटी ही क्यों बजाई जाती है, क्या आपको पता है.अगर नहीं तो यहां जानें.धार्मिक मान्यता के मुताबिक मंदिर में सबसे पहले घंटी बजाने से भगवान की प्रतिमा में चेतना जागने लगती है. इस दौरान पूजा करने से अच्छा फल मिलता है. इसीलिए सबसे पहले घंटी बजाई जाती है. पुराणों में कहा गया है कि मंदिर में घंटी बजाने से कई जन्मों के पाप खत्म हो जाते हैं. धार्मिक महत्व इसके साथ ही घंटी बजाने के पीछे साइंटिफिक रीजन भी है.

    Temple Bell Reason घंटी बजाने के पीछे क्या है धार्मिक मान्यता

  • Temple Bell Reason धर्मगुरुओं का मानना है कि घंटी बजाने से शरीर के भीतर चेतना का संचार होने लगता है. मंदिर-मठों में घंटी इसीलिए बजाई जाती है ताकि भगवान की प्रतिमा में भी चेतना जाग उठे. घंटी बजाने से पूरा वातावरण ही चैतन्य हो उठता है. इसीलिए पूजा के समय और मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी जरूर बजाई जाती है.घंटी हमेशा फूल और कांसे की बनी होती है.मंदिर हो या घर पूजा में घंटी जरूर बजाई जाती है.

    Temple Bell Reason घंटी बजाने के पीछे क्या है साइंटिफिक कारण
  • Temple Bell Reason विज्ञान के मुताबिक मंदिर में घंटी बजाने से वहां पर बाइब्रेशन पैदा होने लगती है. इसके दूर-दूर तक फैलने की वजह से आसपास के जीवाणु-विषाणु खत्म हो जाते हैं. इसके कंपन्न मात्र से ही मंदिर के आसपास सब कुछ शुद्ध हो जाता है साथ ही नेगेटिव एनर्जी भी घंटी की आवाज से दूर हो जाती है और सुख-समृद्धि के बीच आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसीलिए मंदिर में सबसे पहले घंटी बजाई जाती है.

केदार आपदा के 10 साल , शोकसभा में CM धामी ने दी श्रद्धांजलि https://shininguttarakhandnews.com/10-years-of-kedarnath-disaster/

ShiningUttarakhandNews

We are in the field of Electronic Media from more than 20 years. In this long journey we worked for some news papers , News Channels , Film and Tv Commercial as a contant writer , Field Reporter and Editorial Section.Now it's our New venture of News and Informative Reporting with positive aproch specially dedicated to Devbhumi Uttarakhand and it's glorious Culture , Traditions and unseen pictures of Valley..So plz support us and give ur valuable suggestions and information for impressive stories here.