Thar In Kedar : केदार में थार पर रार – आमने सामने धस्माना और सरकार

Thar In Kedar  एक तो अथाह श्रद्धालुओं की संख्या , ऊपर से मैनेजमेंट में मशक्क्त वो भी संवेदनशील केदार घाटी जहाँ आज पहली बार महिंद्रा का थार एसयूवी कार पहुंची है. इससे पहले आपदा के बाद यहां डंपर, जेसीबी और पोकलैंड मशीने पहुंची थी. इन मशीनों का उपयोग आज भी यहां पुनर्निर्माण कार्यों में किया जा रहा है. इस बार धाम में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने नई पहल की है. बीमार, बुजुर्ग और विकलांग यात्रियों की सहायता के लिये यहां महिंद्रा थार एसयूवी कार भेजी जा रही हैं. वायुसेना के चिनूक हेलीकाप्टर से एक थार कार को आज गौचर हवाई पट्टी से केदारनाथ धाम भेजा गया.अब इस निर्णय और थार के केदार घाटी में उतरने का जमकर विरोध भी शुरू हो गया है कांग्रेस ने तो इसको मूर्खता से भरा फेसला करार दिया है।

 

केदारनाथ में थार मूर्खतापूर्ण निर्णय- सूर्यकांत धस्माना Thar In Kedar

शनिवार को दूसरी थार एसयूवी कार धाम पहुंचाई जायेगी. इसके अलावा धाम में तीन गोल्फ कार्ट भी भेजे जाएंगे. महिंद्रा थार वाहन केदारनाथ धाम में स्थित बेस कैंप, एमआई 26 हेलीपैड, वीआईपी हेलीपैड, आस्था पथ आदि पर आवाजाही करेंगे. ये वाहन बीमार, बुजुर्ग, विकलांग, दिव्यांग आदि यात्रियों की सहायता करेंगे. महिंद्रा थार ऐसयूबी कार को हेलीपैड से मंदिर के निकट पहुंचाया गया. यहां बदरी-केदार मंदिर समिति के पुजारियों, वेदपाठियों ने थार कार की विधिवत पूजा-अर्चना की. ये वाहन पर्यटन विभाग की ओर से स्वीकृत किये गये हैं. ये वाहन फिलहाल केदारनाथ विकास प्राधिकरण के अधीन हैंं.

बैटरी चालित वाहन की धस्माना ने की वकालत

जिस थार को यात्रियों की सुविधा के लिए केदार घाटी में उतारा गया है उसके गंभीर नुक्सान की संभावना सीनियर कांग्रेस लीडर सूर्यकान्त धस्माना ने व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक मूर्खतापूर्ण फैसला है। इसके पहले चिनुक हेलीकॉप्टर से थार वाहन को केदारनाथ धाम में उतारे जाने का विरोध शुरू हो गया है। थार के उतरते ही पर्यावरण समेत अन्य मुद्दों को लेकर खिलाफत के स्वर तेज हो गए हैं। कांग्रेस ने प्रदेश सरकार द्वारा केदारनाथ में थार गाड़ी पहुंचाने के निर्णय को अनुचित बताते हुए केदार धाम को एक पिकनिक स्पॉट बनाने के प्रयासों में एक और कदम बताया ।

इस निर्णय पर बिफरते हुए प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि पर्यावरणीय दृष्टि से अति संवेदनशील केदार धाम में पहले ही अंधाधुंध कंक्रीट के निर्माण व मंदाकिनी व सरस्वती नदी में खनन से ग्लेशियर पिघल रहे हैं और अगर केदार धाम में पेट्रोल वाहन चलने शुरू हो गए तो रही सही कसर भी पूरी हो जाएगी।उन्होंने कहा कि 2013 से भी भयंकर आपदा उत्तराखंड के लोगों को झेलनी पड़े इसमें कोई शक नहीं। कांग्रेस लीडर सूर्यकान्त धस्माना ने कहा कि अगर किसी दिव्यांग या बीमार व्यक्ति को ले जाने का तर्क है तो उसके लिए बैटरी संचालित वाहन का उपयोग किया जा सकता है किंतु सवारी व आराम के लिए अगर थार जैसी गाड़ियों के पहुंचाने का सिलसिला सरकार कर रही है तो यह सर्वथा अनुचित है और इसे रोका जाना चाहिए।

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