Thyroid आज हम एक ऐसे विषय पर विचार विमर्श करने जा रहे हैं जो विश्व स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित करता है- यह है हमारी थायराइड ग्रंथि का स्वास्थ्य। थायराइड ग्रंथि तितली के आकार की एक ग्रंथि है जो हमारी गर्दन के सामने की तरफ, श्वास नली के पास ,स्थित होती है। यह ग्रंथि हमारे शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह हमारी हृदय गति से लेकर हमारी ऊर्जा के स्तर तक, हर चीज को प्रभावित करती है ।इसलिए जब थायराइड ग्रंथि में कोई विकार या समस्या आ जाती है तब वह हमारे पूरे शरीर में होने वाली प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है। थायराइड ग्रंथि से स्रावित होने वाला हार्मोन हमारे मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है ,अतः एक अस्वस्थ थायराइड सामाजिक और पारिवारिक प्रोडक्टिविटी को प्रभावित करती है। डॉ श्रेया शर्मा,विशेषज्ञ, एंडोक्रिनोलोजी डिपार्टमेंट,मैक्स हॉस्पिटल से हमने जाना थायराइड ग्रंथि का स्वास्थ्य और इस बिमारी के बढ़ते प्रभाव से बचने के बारे में
थायराइड को हमेशा के लिए कैसे ठीक करें Thyroid

विश्व में हर दस व्यक्ति में एक थायराइड की समस्या से ग्रस्त है। महिलाओं को थायराइड की समस्या होने की संभावना अधिक होती है। 35 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों को थायराइड की समस्या होने की आशंका अधिक हो जाती है। थायराइड की समस्या अनुवांशिक रूप से परिवारों में चलती है।इसके जोखिम कारकों – जैसे उम्र, लिंग, पारिवारिक इतिहास और ऑटोइम्यून स्थितियों – को समझ कर हम इन रोगों का इनकी शुरुआती स्थिति में पता लगा सकते हैं, जिससे इनके उचित प्रबंधन में मदद मिलती है।
थायराइड की समस्याएं विभिन्न कारणों से पैदा हो सकती है। इनमें से कुछ थायराइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली में बदलाव से होती हैं, जबकि अन्य थायराइड ग्रंथि की संरचना में परिवर्तन के कारण होती हैं। इन समस्याओं के कारण शरीर के अंदर थायराइड हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है। हाइपोथायराइडिज्म में थायराइड ग्रंथि बहुत कम थायरोक्सिन हार्मोन बनाती है, जबकि हाइपर थायराइडिज्म में थायराइड ग्रंथि अधिक थायरोक्सिन हार्मोन बनाती है। अतः सही निदान के बाद प्रभावी उपचार किया जाना आवश्यक है। कुछ लक्षण जैसे थकान, वजन में परिवर्तन, मनोदशा में बदलाव, और नींद में गड़बड़ी, जैसे कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करने में संकोच न करें।
थायराइड के रोगों में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोगी को चिकित्सक की निगरानी में नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। समय-समय पर जांच और रक्त परीक्षणों के माध्यम से, आपके चिकित्सक यह आकलन कर सकते हैं कि आप जो उपचार ले रहे हैं वह कितना प्रभावी है, तथा समय-समय पर आवश्यक बदलाव कर सकते हैं, और जान सकते हैं कि रोग की स्थिति में सुधार हो रहा है अथवा नहीं, और कोई जटिलता तो नहीं आ रही है ।
आइए महिलाओं के स्वास्थ्य पर थायराइड विकारों के महत्वपूर्ण प्रभाव पर चर्चा करें, विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान। माँ और गर्भ में पल रहे शिशु, दोनों के लिए इन रोगों का उचित प्रबंधन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यदि आप गर्भ धारण करने की योजना बना रही हैं,या पहले से गर्भवती हैं,तो यह बहुत आवश्यक है कि आप अपने चिकित्सक से अपनी थायराइड संबंधी जांच अवश्य करा लें, और थायराइड के स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या मिले तो अपने चिकित्सक से अवश्य विचार विमर्श करें, क्योंकि थायराइड संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं आपके साथ, आपके बच्चे के वर्तमान, और भविष्य के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, जिसमें शिशु का मानसिक विकास भी प्रभावित हो सकता है। थायराइड की समस्या से ग्रस्त महिलाओं में गर्भ धारण करने में भी समस्या हो सकती है।
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