Toilet break policy हमारे देश में माना जाता है कि दफ्तर , फैक्ट्री या कम्पनी हो यहाँ कुछ कर्मचारी कामचोर और आलसी होते ही हैं। कभी चाय बीड़ी पीने तो कभी सुसु जाने के नाम पर समय बर्बाद करते हैं लेकिन जनाब ऐसा विदेशों में नहीं चलता है। चीन की एक कंपनी ने प्रोडक्टिविटी बढ़ाने और कार्यस्थल अनुशासन में सुधार लाने के इरादे से कर्मचारियों के लिए अजीबोगरीब ‘टॉयलेट रूल’ लागू किया, लेकिन कंपनी के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बवाल कट गया. सोचिए, किसी को वॉशरूम जाना हो और उन्हें सिर्फ दो मिनट दिए जाएं यह तो अमानवीय है.
आप भी चौंक जायेंगे पढ़कर Toilet break policy
सोचिए, ऑफिस में किसी को वॉशरूम जाना हो और उन्हें सिर्फ दो मिनट दिए जाएं, यह तो सीधे-सीधे अमानवीय है. ऊपर से सीसीटीवी से कर्मचारियों पर नजर रखना और नियम उल्लंघन पर भारी जुर्माना वसूलना तो और भी ज्यादा अन्यायपूर्ण है। गुआंगडोंग के फोशान स्थित थ्री ब्रदर्स मशीन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने फरवरी में दो मिनट का ऊटपटांग टॉयलेट ब्रेक रूल लागू कर दिया. कंपनी ने एक प्राचीन चिकित्सा ग्रंथ का हवाला देते हुए तर्क दिया कि यह दिशानिर्देश कर्मचारियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ही दिया गया है. इसके अलावा नए रूल का मकसद कार्यकुशलता और कार्यस्थल अनुशासन में सुधार लाना भी है.
क्या है ये नियम?
कंपनी के नई पॉलिसी के अनुसार, कर्मचारियों को सुबह 8 बजे से पहले, सुबह 10:30 से 10:40 तक, दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे के बीच, दोपहर 3:30 से 3:40 बजे तक और शाम 5:30 से 6 बजे तक टॉयलेट जाने की परमिशन है, लेकिन वो भी सिर्फ दो मिनट के लिए. अगर तय समयसीमा से विपरीत किसी को जाना हो, तो उसके लिए एचआर से परमिशन लेनी पड़ेगी.
उल्लंघन पर क्या होगा?
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नियम न टूटे इसलिए कंपनी कैमरे से कर्मचारियों पर नजर रखेगी और रूल तोड़ने वालों पर 100 युआन (लगभग 1200 रुपये) का फाइन भी लगाएगी. इसे 11 फरवरी को पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया था और कंपनी की ओर से 1 मार्च से सख्ती बरतने की बात कही गई थी. … हालांकि, कंपनी के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बवाल हुआ. जिसके बाद कंपनी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. लोगों का कहना था कि यह फैसला न केवल अनैतिक है, बल्कि कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है.
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