Tradition Of India हम आपको एक ऐसी यूनिक परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पालन भारत में एक गाँव करता है। दरअसल यहां पर इंसानों की तरह पशुओं को भी एक दिन की छुट्टी मिलती है। ये सुनकर आपको हैरानी होगी लेकिन ये सच है। क्या है पूरा मामला आपको आगे बताते हैं।
Tradition Of India सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का पालन
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Tradition Of India दुनियाभर में भारत अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है। भारत में कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी सैकड़ों साल पुरानी परंपरा का पालन किया जाता है। इतना ही नहीं आने वाली पीढ़ियां भी इन परंपराओं का निर्वाह लगातार कर रही हैं। आज हम आपको इन्हीं में से एक यूनिक परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पालन झारखंड के लातेहार गांव में किया जाता है। दरअसल यहां पर इंसानों की तरह पशुओं को भी एक दिन की छुट्टी मिलती है। गांव वालों के मुताबिक यह परंपरा उनके पूर्वजों ने शुरू की थी, जिसका पालन लोग आज भी कर रहे हैं। लातेहार गांव के लोगों का कहना है कि जिस तरह पशु मनुष्यों के सुख- सुविधाओं का ख्याल रखते हैं, उसी तरह लोग पशुओं की भी सुख- सुविधाओं का ध्यान रखते हैं।
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Tradition Of India रविवार की होती है छुट्टी
Tradition Of India रविवार के दिन ज्यादातर लोगों की छुट्टी होती है। सप्ताह में एक दिन स्कूल से लेकर दफ्तर और बैंक आदि बंद रहते हैं और लोग इस दिन अपने काम से ब्रेक लेकर आराम करते हैं। लेकिन ये केवल इंसानों के लिए होता है किसी पालतू जानवर को शायद ही अपने काम से कभी छुट्टी मिलती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए झारखंड के लातेहार गांव में रविवार के दिन सभी पशुओं को भी अवकाश दिया जाता है। इस दिन जानवरों से किसी भी तरह का काम नहीं कराया जाता है। ग्रामीणों का मानना है कि इंसानों की तरह पशुओं को भी एक दिन के आराम की जरूरत होती है।
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Tradition Of India कब से चली आ रही है ये परंपरा ?
Tradition Of India गांव वालों की मानें तो लगभग दो दशक पहले एक बार खेत में काम करते हुए एक बैल की हालत कुछ इस तरह बिगड़ी कि उसकी मौत हो गई। इसके बाद से गांव वालों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि मवेशियों को भी एक दिन का आराम दिया जाएगा। ये एक ऎसी खबर है जो इंसान का पशुओं के प्रति मानवता को दर्शाती है लेकिन ऐसी मिसालें देश के उन राज्यों को भी अपनानी चाहिए जहां उन पर अमानवीयता का व्यवहार किया जा रहा है।
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