देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
Tungnath temple tilt उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचाई वाला शिव मंदिर है. इस मंदिर को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मंदिर को लेकर एक अध्ययन किया है. एएसआई के इस अध्ययन में पता चला है कि दुनिया के सबसे ऊंचाई में स्थित यह शिव मंदिर 5 से 6 डिग्री तक झुक गया है. इसके साथ ही मंदिर परिसर की छोटी संरचनाएं भी 10 डिग्री तक झुक गई हैं. मंदिर में हुए इस बदलाव को लेकर एएसआई ने केंद्र सरकार को इस बारे में सारी जानकारी दे दी है.
Tungnath temple tilt मूर्तियां 10 डिग्री तक झुकी
Tungnath temple tilt भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी ने टीओआई को बताया कि उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मंदिर को संरक्षित स्मारक के रूप में घोषित किया जाए. ताकि इस मंदिर में हो रहे बदलाव को रोका जा सके. अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्मारक घोषित किए जाने की प्रक्रिया पर विचार भी कर रही है. तुंगनाथ मंदिर के 5 से 6 डिग्री झुक जाने के बाद एएसआई इन कारणों का पता लगाने में जुट गई है. कारणों का पता लगाने के बाद मंदिर में मरम्मत का कार्य शुरू किया जा सके.
Tungnath temple tilt भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अध्ययन में दुनिया के सबसे ऊँचे तुंगनाथ शिव मंदिर को लेकर चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अध्ययन में यह बात सामने आई है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 12 हजार 800 फीट की ऊँचाई पर स्थित पंच केदारों में से एक तुंगनाथ शिव मंदिर Tungnath Shiva Shrine झुक रहा है। मंदिर में 5 से 6 डिग्री तक का झुकाव आया है। वहीं, मूर्तियों और छोटे स्ट्रक्चर में 10 डिग्री तक का झुकाव देखने को मिला है।
Tungnath temple tilt एएसआई के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने निष्कर्षों के बारे में केंद्र सरकार को अवगत कराया है और सुझाव दिया है कि मंदिर को संरक्षित स्मारक के रूप में शामिल किया जाए। एक अधिकारी ने कहा, “सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत जनता से उनकी राय माँगने के लिए एक अधिसूचना जारी भी की गई है। एएसआई नुकसान की मुख्य वजह का पता लगाएगा, ताकि इसकी तुरंत मरम्मत की जा सके।”

Tungnath temple tilt ASI की देहरादून सर्किल के सुपरिटेंडेंट आर्कियोलॉजिस्ट ने बताया, “सबसे पहले हम तुंगनाथ मंदिर में झुकाव और डैमेज के कारणों का पता लगाएँगे और अगर संभव हुआ तो तुरंत इसकी मरम्मत का काम शुरू करेंगे। इसके अलावा मंदिर परिसर के निरीक्षण के बाद एक विस्तृत कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।” आपको बता दें कि तुंगनाथ मंदिर को दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर माना जाता है, जिसे 8वीं शताब्दी में कत्यूरी शासकों ने बनवाया था। यह बद्री केदार मंदिर समिति के प्रशासन के तहत आता है।
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