Uttarakhand उत्तराखंड में लगातार मानसूनी बारिश से अनुमानित 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जो 2013 की केदारनाथ त्रासदी के बाद से राज्य में हुई सभी प्राकृतिक आपदाओं से कहीं अधिक है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर बादल फटने और मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आकलन जारी रहने पर अंतिम आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
इस तबाही ने सड़कों, पुलों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और निजी संपत्तियों को प्रभावित किया है, जिससे तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। जिला मजिस्ट्रेट नुकसान की सीमा पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, जिसे बाद में राज्य स्तर पर समेकित किया जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा, “जिलों से अंतिम रिपोर्ट मिलने के बाद, केंद्र सरकार को एक व्यापक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा, “इस वर्ष हुआ नुकसान पिछले वर्ष की तुलना में कई गुना अधिक है, जो हमारे सामने मौजूद अभूतपूर्व चुनौती को दर्शाता है।” पर्वतीय राज्य उत्तराखंड मानसून के मौसम में नियमित रूप से प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है। 2013 की केदारनाथ आपदा ने जहाँ भारी तबाही मचाई थी और व्यापक पुनर्निर्माण प्रयासों के कारण केदारपुरी का पुनरुद्धार हुआ था, वहीं इस साल कई जिलों में बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएँ उस त्रासदी के बाद से सबसे बड़ा संचयी आर्थिक झटका हैं।
बीते अगस्त महीने की बात करें में पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा मेघ इस वर्ष बरसे है. इसके पहले के सालों में अगस्त में 300 से 350 एमएम बारिशऔसतन दर्ज़ की गयी थी लेकिन 2025 अगस्त महीने में 574 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से काफी अधिक है. यही वजह है कि ज्यादा बारिश होने की वजह से नुकसान भी कहीं ज्यादा हो रहा है.अनुमान है कि अभी मौजूदा सितंबर में भी अच्छी खासी बारिश होने वाली है. मौसम विभाग ने इस बात को कहा है कि सितंबर महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होगी. जिसके चलते नुकसान की संभावना बनी हुई है.लिहाज़ा पर्वतीय क्षेत्रों में यात्रा करने वालों को ज्यादा सावधानियां बरतनी की जरूरत है.
देहरादून बसाने वाले गुरु को नमन https://shininguttarakhandnews.com/sri-darbar-sahib-dehradun/