Valley of Flowers फूलों की घाटी में महिला की कब्र !

Valley of Flowers उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी स्थित है . यह समुद्र तल से 3,658 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है .यहां प्राकृतिक रूप से खूबसूरत फूल  1 जून से 31 अक्टूबर तक रहते है यह घाटी 5 महीने खुलती है और 7 महीने यह बर्फ से ढकी रहती है , जून महीने में जब इस घाटी में बर्फ खत्म होने लगती है तो प्राकृतिक रूप से यहां भिन्न भिन्न प्रजातियों के पौधे खुद निकल आते हैं और इन पर आने वाले रंग बिरंगे फूल पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं . 15 मई से चमोली जिला प्रशासन ने गोविंदघाट से फूलों की घाटी तक जाने वाले रस्ते की सफाई और बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया है जिससे पर्यटक 1 जून से इस घाटी जाकर यहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठा सकें .

यूनेस्को ने घाटी को घोषित किया विश्व धरोहर Valley of Flowers


वर्ष 1980 में भारत सरकार ने इसे नेशनल पार्क घोषित किया और यहां आने वाले पर्यटकों को भी खान पान के दौरान होने वाली गंदगी के फेकने पर रोक लगाई जिससे यहां प्राकृतिक रूप से खिलने वाले फूलों पर असर न पड़े । वर्ष 2002 में यूनेस्को ने इसे घाटी को विश्व धरोहर की मान्यता दी .

फूलों की घाटी की खोज कैसे हुई
फूलों की घाटी की खोज पहली बार ब्रिटिश नागरिक पर्वतारोही फ्रांसिस स्मिथ ने की , वह भारत के हिमालय क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए अपने मित्रों पर्वतारोही एरिक शिप्टन , आर एल होल्डसबर्थ के साथ 1931 में आए थे , वह गलती से रास्ता भटक कर म्यूंदर घाटी पहुंच गए जहां उन्हें पहाड़ों के बीच रंगबिरंगे फूलों से लदी घाटी मिली जिसे देखकर वह मंत्र मुग्ध हो गए , उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि फूलों की इतनी सुंदर घाटी देखने को मिलेगी . इस घाटी की सुंदरता देखकर उन्होंने 1932 में ” The Valley of flowers ” किताब लिखी .


फ्रैंक स्मिथ की पुस्तक “The Valley of flowers”  से प्रेरित होकर ब्रिटिश महिला जॉन मार्गरेट फूलों की घाटी के किस्म किस्म के फूलों का अध्ययन करने आई ,वह यहां आकर प्राकृतिक फूलों की सुंदरता से बेहद ज्यादा आकर्षित हो गई और वह इन फूलों के पास जा जा कर उनकी सुंदरता निहार रहीं थीं इसी दौरान वह पहाड़ी से फिसल गई जिससे उनकी मौत हो गई

जॉन मार्गरेट को फूलों की घाटी में ही दफनाया गया,इसके लिए जॉन मारग्रेट की बहन लेडी डोरोथी लेग ने स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया जिसे मान लिया गया . फूलों के घाटी आने वाले  जॉन मार्गरेट की कब्र में जाकर उनके पर्यावरण प्रेम को जरूर याद करते हैं .


फूलों के घाटी में 500 से ज्यादा दुर्लभ प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं जो अपने रंगों और खूबसूरती के लिए लोगों को आकर्षित कर लेते हैं . इन प्रजातियों में पोटोटिला, प्राइमिला, एनीमोन, एकोनाईटम , ब्ल्यू पापी ,मार्स मेरी गोल्ड , ब्रह्म कमल आदि हैं . घाटी सबसे ज्यादा अगस्त और सितंबर माह में फूलों से गुलजार रहती है , इस दौरान सबसे ज्यादा फूल खिलते हैं .फूलों की घाटी में जीव जंतुओं , वनस्पतियों , जड़ी बूटियों का अनोखा संगम है , यहां हजारों तितलियां , कस्तूरी मृग , मोनाल, हिमालयन भालू , गुलदार , हिम तेंदुए भी रहते हैं .