देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
Vikram Lander Image जगह-जगह कचरा फैलाना हम इंसानों की फितरत है। हालाँकि although पृथ्वी पर कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ बन गए हैं, जो आपको हर शहर के बाहर आसानी से दिख जाएंगे। समुद्र भी कचरे से अछूते नहीं हैं। लेकिन but क्या आपको पता है कि अंतरिक्ष में भी कूड़ा-कचरा फैला है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले सिर्फ चंद्रमा पर 200 टन का कचरा पहुंच चुका है। इसमें बड़ी-बड़ी मशीनें, हथियार, तौलिए, ब्रश, मूर्ति आदि सामान पड़े हुए हैं।
अब तक चंद्रमा पर 12 साइंटिस्ट पहुंचे Vikram Lander Image

चंद्रमा पर अब तक 12 साइंटिस्ट पहुंच चुके हैं। अमेरिका के नील आर्मस्ट्रॉन्ग 1969 में अपोलो-11 मिशन के तहत चांद की सतह पर पहुंचे थे। नील पहले इंसान थे, जो चंद्रमा तक पहुंचे थे। हालाँकि although इनके अलावा बज एल्ड्रिन नील आर्मस्ट्रॉन्ग, पेटे कॉनराड, एलन बीन, ऐलन शेपर्ड, एडगर मिशेल, डेविड स्कॉड, जेम्स इरविन, जॉन यंग, चार्ल्स ड्यूक, यूजीन सेरनन और हैरिसन स्मिथ भी चंद्रमा पर लैंड कर चुके हैं।

कबाड़ में क्या-क्या शामिल ?
दरअसल actually अमेरिका के अपोलो मिशन पांच रॉकेटों के अवशेष चंद्रमा पर मौजूद है। ये सबसे अधिक भारी-भरकम है। रोबोटिक लैंडर, रोवर्स, लूना-9 का मलबा, मल-मूत्र, उल्टियों के पैकेट्स, दो गोल्फ गेंदें, भाला, बाइबिल, कैमरे, चिमटे, ड्रिल, तौलिए, ब्रश, टेंचिंग टूल आदि भी मौजूद हैं। actually कुल मिलाकर 200 टन का कचरा चंद्रमा के कई छोर पर फैला हुआ है।
चंद्रयान-3 के रोवर ने शुरू किया मून वॉक
भारत ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराकर अपनी धाक दुनिया में बढ़ाई है। यह मानवरहित विमान है। चंद्रमा पर वायु नहीं है। गुरुत्वाकर्षण भी बेहद कमजोर है। although चंद्रयान-2 की असफलता से सीख लेते हुए इसरो के वैज्ञानिकों ने बुधवार की शाम 6:04 बजे लैंडर विक्रम की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग कराई। रोवर प्रज्ञान अपने वैज्ञानिक मिशन पर काम कर रहा है।
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