Viral Letter Bageshwar उत्तराखंड में इन दिनों जिस तरह से एक-एक कर भर्ती घोटाले खुल रहे हैं उसके बाद ऐसा लगता है जैसे कब कौन सा नया विभाग फर्जी भर्तियों और अयोग्य उम्मीदवारों की कलई खोल देगा कहना मुश्किल है। धामी सरकार भी बेहद गंभीरता से सच सामने लाने में जुटी है और असली गुनाहगारों के बेपर्दा होने का इंतजार सबको है। इसी बीच एक चिट्ठी सोशल मीडिया में सामने आई है जिसमें बागेश्वर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत वन स्टॉप सेंटर मैं कुछ पदों की भर्तियों में अयोग्य लोगों के चयन पर सवाल उठाया गया है।
Viral Letter Bageshwar क्या है चिट्ठी की सच्चाई

- चौंकाने वाली बात ये है कि यह सवाल किसी गैर सरकारी शख्स ने नहीं बल्कि विभाग के आला अधिकारियों ने उठाए हैं। पहले पढ़ लीजिए चिट्ठी जिसमें साफ-साफ भर्ती में भ्रष्टाचार की बू आ रही है ।
- Viral Letter Bageshwar मामला बागेश्वर में सखी वन स्टॉप सेंटर में परामर्शदाता के पदों पर हुई नियुक्ति से जुड़ी है जिसमें आउट सोर्स कंपनी द्वारा आयोग और अनुभवहीन लोगों की नियुक्ति की शिकायत की गई है मतलब यह है कि पहाड़ों में भी नियुक्तियों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो सकता है जिसकी जांच अगर की जाती है तो सिर्फ देहरादून ही नहीं दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में भी नियुक्त कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग कंपनियों के गड़बड़ झाले का खुलासा हो सकता है।

- Viral Letter Bageshwar इस चिट्ठी में कितनी सच्चाई है यह तो विभागीय अधिकारी ही बता सकते हैं । लेकिन सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि सिर्फ मैदानी इलाकों में ही नहीं बल्कि पहाड़ों में भी जिस तरह से भर्तियां हुई है फिर वह चाहे सीधे हुई हो या आउटसोर्सिंग के माध्यम से , लेकिन घोटाले वहां पर भी कम नहीं है । ऐसे में देखना होगा कि इस तरह की अभी और कितनी शिकायतें बाहर आती है और कितने विभागों में फर्जी नियुक्तियों के चेहरे बेनकाब होते हैं । लेकिन इसके लिए उत्तराखंड सरकार और खुद मुख्यमंत्री धामी को सख्त और कड़ा फैसला लेने की हिम्मत और इक्षाशक्ति दिखानी होगी।
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