Weird News नहाते वक्त पेशाब करना सही या गलत ? 

Weird News क्या आप भी नहाते वक्त पेशाब करते है? सड़क किनारे पेशाब करने का चलन भारत में काफी पुराना है लेकिन लोग स्वीमिंग पूल, नदी और शावर के नीचे तक यूरिन कर डालते हैं।अगर आपसे कोई कहे कि वो कहीं भी नहाते वक्त यूरिन कर देता है तो आपको कैसा लगेगा। आप नाक भौं सिकोड़ेंगे लेकिन हकीकत में आप भी कई बार ऐसा करते हैं।आप मानें या ना मानें लेकिन ज्यादातर लोग नहाते समय बाथरूम में पेशाब करना पसंद करते हैं।बचपन से हमें मां-बाप सिखाते हैं कि मल-मूत्र हमेशा टॉयलेट में जाकर करना चाहिए, साफ जगह पर पेशाब करना गलत बात होती है।आज हम आपको इसी संवेदनशील आदत पर काम की जानकारी देने जा रहे हैं जिसपर आप बात करना भी शायद सही नहीं समझते होंगे आप सोच रहे होंगे कि हम क्या कह रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि डॉक्टरों और पर्यावरणविदों के अनुसार, नहाते समय पेशाब करना अच्छी बात है। 

जानें इससे फायदा होता है या नुकसान  Weird News



नहाते वक्त या शावर के वक्त पेशाब करना एक ऐसा विषय पर है, जिस पर लोग बात नहीं कर पाते या करना ही नहीं चाहते , लेकिन ये बहुत आम बात है। सवाल ये है कि क्या नहाते वक्त पेशाब करना अच्छा है या बुरा? क्या इसके कोई दुष्परिणाम हो सकते हैं या इसका कोई फायदा होता है? इससे जुड़े कुछ दिलचस्प जानकारी पर बात करते हैं। 10 में से 8 ब्रिटिश नागरिक मानते हैं कि वे नहाते समय पेशाब करते हैं। ऐसा करने वाले लोगों को लगता है कि ये कोई अच्छी बात नहीं है लेकिन अब डॉक्टरों का कहना है कि इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। बल्कि ऐसे लोग दुनिया पर बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर नहाने के साथ-साथ पेशाब भी किया जाए तो ब्रिटेन हर साल पानी के बिल में 426 मिलियन पाउंड (19 करोड़ लीटर) की भारी बचत कर सकता है।



यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एथलीट भी अपने पैरों से फंगस हटाने के लिए मूत्र चिकित्सा के रूप में अपने पैरों को मूत्र से नहलाते हैं। इसके अलावा, पर्यावरण की दृष्टि से, नहाते समय पेशाब करने से पानी की बचत होती है क्योंकि इसे फ्लश करने के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होती है। दुनिया भर के देश पानी की कमी के दौरान इस तकनीक का उपयोग करते हैं।


क्या कहते हैं डॉक्टर?
डॉ.  का कहना है कि बहते पानी की आवाज हमें पेशाब करने में मदद कर सकती है। पेशाब करने में समस्या वाले पुरुषों ने पाया कि बहते पानी की आवाज सुनने से उन्हें मदद मिली। ऐसा इसलिए है क्योंकि पानी शरीर के लिए शांतिदायक होता है और पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है। ब्रिटेन के लोगों का मानना है कि नहाते समय पेशाब करना धरती के लिए और पानी की बचत के लिए ठीक है। हालांकि भारत में डॉक्टर और जानकारों का इस मामले को क्या कहना है ? मीडिया की एक रिपोर्ट  के मुताबिक, बोन एंड बर्थ क्लिनिक में प्रसूति एवं स्त्री रोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. का कहना है कि नियमित रूप से शॉवर में पेशाब करने से मूत्राशय के स्वास्थ्य को कोई बड़ा खतरा नहीं होता है, लेकिन यह व्यवहार संबंधी कंडीशनिंग को प्रभावित कर सकता है।

 

हो सकती है गंभीर समस्या
वहीं अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. का कहना है कि स्वास्थ्य जोखिमों के कारण नियमित रूप से शॉवर में पेशाब करना उचित नहीं है। इससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों में अधूरी शिथिलता आ सकती है, जिसके परिणामस्वरूप मूत्राशय की पूरी तरह से निकासी नहीं हो पाती है। इससे संक्रमण, मूत्राशय की पथरी और यहां तक कि गुर्दे की समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।शारीरिक भिन्नताओं के कारण शॉवर में पेशाब करना पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। डॉ.  बताते हैं कि पुरुष खड़े होकर पेशाब करते हैं, जिससे पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों पर असर पड़ने की संभावना कम होती है। वहीं, महिलाओं को लग सकता है कि खड़े होकर पेशाब करने से उनकी पेल्विक मांसपेशियां पूरी तरह से सक्रिय नहीं हैं, जिससे समय के साथ पेल्विक पर से नियंत्रण कमजोर हो सकता है।
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