Ram Ram: दो बार ही क्यों कहते है राम-राम ?

एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है—“राम-राम”(Ram Ram) दो बार क्यों कहा जाता है? क्यों नहीं सिर्फ एक बार “राम” कहकर अभिवादन किया जाता? इस सवाल के पीछे छिपी है एक गहरी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समझ, जिसे जानना न केवल रोचक है, बल्कि श्रद्धा और विश्वास को भी और मजबूत करता है। भारतीय संस्कृति में जब हम किसी से मिलते हैं, तो अभिवादन स्वरूप दो प्रमुख तरीके अपनाते हैं—

Ram Ram

हाथ जोड़कर नमस्कार

भगवान का नाम लेकर अभिवादन करना, जैसे “जय श्रीराम”, “हरि ओम”, या फिर “राम-राम”।“राम-राम” कहना न केवल शिष्टाचार की पहचान है, बल्कि यह एक शक्तिशाली धार्मिक मंत्र की तरह भी कार्य करता है।

Ram Ram

राम-राम दो बार क्यों ? इसके पीछे छुपा है 108 जपों का रहस्य

हिंदू धर्म में 108 संख्या का विशेष महत्व है। चाहे वह माला के 108 मनके हों, या फिर 108 बार मंत्र जाप— यह संख्या पूर्णता और दिव्यता का प्रतीक मानी जाती है। अब जानिए कैसे “राम” शब्द का केवल दो बार उच्चारण करने से ही 108 राम नाम का जाप पूर्ण हो जाता है।

अगर हम इन तीनों अक्षरों के स्थान को जोड़ें:
27 + 2 + 25 = 54

अब, जब हम “राम” शब्द को दो बार बोलते हैं, तो यह योग हो जाता है:
54 x 2 = 108

Ram Ram

इस प्रकार, “राम-राम”(Ram Ram) कहने का अर्थ है— एक ही क्षण में 108 राम नाम का जाप। यही कारण है कि भारतीय समाज में यह परंपरा बनी कि किसी से मिलते समय “राम-राम” कहा जाए। यह केवल एक सामाजिक शिष्टाचार नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना भी है।

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