देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –

Wildlife Tourism Uttarakhand मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 19वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए बंदरों और जंगली सूअरों की समस्या को दूर करने के लिए फोकस्ड होकर काम करने के निर्देश दिए। हालांकि although मुख्यमंत्री ने बाघों की संख्या में उत्तराखंड के तीसरे स्थान पर रहने पर बधाई दी और कहा कि इसमें स्थानीय लोग बधाई के विशेष पात्र हैं। वाइल्ड लाइफ टूरिज्म की दृष्टि से इसका व्यापक प्रचार किया जाए।
वन्यजीव संघर्ष वाले क्षेत्रों को चिन्हित करे – मुख्यमंत्री Wildlife Tourism Uttarakhand

मानव वन्यजीव संघर्ष राहत राशि का वितरण 15 दिनों में सुनिश्चित किए जाने की व्यवस्था बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री धामी ने दिए। हैं। लेकिन but राहत की खबर ये भी है कि वन्यजीवों के हमले में किसी व्यक्ति की मृत्यु पर राहत राशि को 4 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द कैबिनेट में लाया जाए। मुख्यमंत्री ने मानव वन्यजीव संघर्ष को कम किए जाने की दृष्टि से आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से लंबित टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स का गठन भी शीघ्र किया जाए। उन्होंने कहा टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स बनाकर युवाओं को इससे जोड़ा जाए। Wildlife Tourism Uttarakhand वनों से लगे ग्रामीण इलाकों के लोगों की वन्यजीव संरक्षण में अहम भूमिका होती है। ऐसे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक भी किया जाए, समय-समय पर वन्यजीव रेस्क्यू एवं रैपिड एक्शन फोर्स की ट्रेनिंग भी लोगों को दी जाए।
Wildlife Tourism Uttarakhand वाइल्ड लाइफ हेल्पलाइन का हुआ लोकार्पण

बैठक में बताया गया कि मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण प्रकोष्ठ और उत्तराखंड मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण निधि की स्थापना की गई है। प्रकोष्ठ के अंतर्गत उत्तराखंड वन्यजीव हेल्पलाइन की भी स्थापना की गई है। बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक रेणु बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, मुख्य सचिव एस एस संधू, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक सहित राज्य वन्य जीव बोर्ड के अन्य सदस्य उपस्थित थे..