Workplace Safety Bill : महिलाएं आज 21वीं सदी में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। दुनियाभर में महिलाओं को कई तरह के अधिकार दिए गए हैं, जिससे वे न सिर्फ घर के बाहर खुद को सुरक्षित महसूस करें बल्कि, साथ निकलकर देश और समाज के विकास में बराबर का योगदान भी दें। भारत में भी महिलाओं को पुरुषों के बराबर हिस्सेदारी और समान अधिकार दिए गए हैं। इन अधिकारों के बारे में सभी को जानना बहुत जरूरी है। महिलाएं आज दफ्तरों में काम कर रही हैं। इसके साथ ही वे फील्ड में भी काम के लिए निकल रही हैं। ऐसे में वर्कप्लेस पर यानी जहां वे काम कर रही हैं, वहां उनकी सुरक्षा से जुड़े कुछ अधिकार जारी किए गए हैं। आइए महिलाओं के लिए वर्कप्लेस सेफ्टी बिल से जुड़ी जरूरी बातों पर गौर करते हैं।
Workplace Safety Bill हर वक़्त याद रखिये अपने अधिकार

- Workplace Safety Bill महिलाओं को समान वेतन यानी काम के बदले जो पैसा दिया जाता है, उसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। महिलाओं को भी उनके काम के लिए वहीं सैलरी दी जाएगी, जो उसी काम के लिए पुरुषों को दी जाती रही है। महिलाओं को शालीनता और इज्जत के साथ जीने का अधिकार दिया गया है। यदि महिला किसी केस में आरोपी है, तो उसे महिला पुलिसकर्मी या अधिकारी लेकर जाएंगी। साथ ही, अगर उनका मेडिकल या किसी तरह की अन्य जांच होनी है तो यह विशेष रूप से महिलाकर्मी ही करेंगी। अगर वे उपलब्ध नहीं हैं, तो पूरी जांच किसी महिला अधिकारी या कर्मचारी के सामने होगी।

- Workplace Safety Bill यदि किसी महिला के खिलाफ ऑफिस या फील्ड में शारिरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न होता है, तब वह शिकायत कर सकती है। ऑफिस में आंतरिक शिकायत समिति यानी इंटरनल कंप्लेंट कमेटी को लिखित तौर पर अपनी शिकायत भी दे सकती है। यह शिकायत उसे घटना से तीन महीने के अंदर देनी होगी। यदि किसी महिला का यौन उत्पीड़न हुआ है, तो उसका नाम नहीं प्रकाशित किया जा सकेगा। यह गोपनीयता की नीति के तहत उसकी पहचान की रक्षा करने के लिए है। पीड़ित महिला अकेले अपना बयान किसी महिला पुरुष अधिकारी की मौजूदगी में या फिर कलेक्टर की उपस्थिति में दर्ज करा सकती है।

- Workplace Safety Bill कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व लाभ का अधिकार है। इसके तहत वे प्रसव के बाद छह महीने तक वेतन ले सकती हैं और काम पर लौट सकती हैं। महिलाओं को वर्कप्लेस पर पुरुष सहकर्मी या फिर उनका बॉस किसी भी तरह से बिना उसकी मर्जी के छू नहीं सकता। यदि ऐसा करता है तो वह यौन हिंसा के दायरे में आ सकता है। रेप की शिकार महिला को मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार है। पुलिस अधिकारी को वकील या फिर लीगल एडवाइजर की व्यवस्था करनी होगी। किसी महिला को रात में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। यानी सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद महिला की गिरफ्तारी संभव नहीं है। हां, स्पेशल केस में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आदेश पर ऐसा किया जा सकता है।
- Workplace Safety Bill महिला को रात में उसकी मर्जी के बिना ऑफिस में देर तक नहीं रोका जा सकता और न ही देर रात उसकी शिफ्ट लगाई जा सकती है, अगर वह इसके लिए राजी नहीं है। महिला को यदि देर तक ऑफिस में किसी वजह से रुकना भी पड़ता है, तो उसे सूर्यास्त के बाद घर पहुंचाने की व्यवस्था ऑफिस मैनेजर की होगी। इसके लिए वह कैब कर सकता है, मगर कैब या ऑफिस की गाड़ी, जिसमें भी महिला को घर तक छोड़ा जाएगा, साथ में ऑफिस का गार्ड भी जाएगा।
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