
नेपाल के जेन-जी आंदोलन की तर्ज पर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (आइईटी) के अंतिम वर्ष के छात्र अपने ही संस्थान को बदनाम करने का माहौल बनाने की तैयारी करने लगे। इसके लिए जूनियर छात्रों को उकसाया गया। फर्जी ई-मेल इंस्टाग्राम फेसबुक अकाउंट बनाए गए। इन पर रोजाना पोस्ट करने को कहा गया।
नेपाल के जेन-जी आंदोलन की तर्ज पर इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (आइईटी) के अंतिम वर्ष के छात्र अपने ही संस्थान को बदनाम करने का माहौल बनाने की तैयारी करने लगे।
एंटी रैगिंग की जांच में राजफाश
इसके लिए जूनियर छात्रों को उकसाया गया। फर्जी ई-मेल, इंस्टाग्राम, फेसबुक अकाउंट बनाए गए। इन पर रोजाना पोस्ट करने को कहा गया। दरअसल, जूनियर छात्रों से पूछताछ में यह सामने आया कि गत 29 अगस्त को रैगिंग मामले में अंतिम वर्ष के चार छात्रों पर एंटी रैगिंग कमेटी ने कार्रवाई की थी।
इससे सीनियर छात्र बौखलाए हुए थे और उन्होंने जेन-जी की तर्ज पर आंदोलन की साजिश रच ली। यह राजफाश आइईटी की एंटी रैगिंग कमेटी की जांच में हुआ तो मंगलवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु डा. राकेश सिंघई ने पुलिस से शिकायत की। भंवरकुआं थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
सीनियर ने हॉस्टल में तोड़फोड़ करने के निर्देश दिए
बता दें कि जेन-जी आंदोलन के लिए ही गत गुरुवार देर रात तीन बजे कुछ जूनियर छात्रों ने हास्टल में सीसीटीवी और डीवीआर तोड़ दिए। जांच में सामने आया कि जूनियर को वाट्सएप ग्रुप पर सीनियर ने हॉस्टल में तोड़फोड़ करने के निर्देश दिए।
इसकी एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू की तो पूछताछ में जूनियर छात्रों ने बताया कि एक दिन पहले सोमवार को सीनियरों ने जूनियर छात्रों की बैठक ली थी। इसमें उन्हें हॉस्टल में तोड़फोड़ करने को कहा गया और इसकी पूरी रणनीति गोपनीय रखने की हिदायत भी दी गई।
छात्र के फोन में वाट्सग्रुप की चैटिंग पकड़ी
कमेटी ने जूनियर छात्रों से पूछताछ की और उनके मोबाइल खुलवाए। उसमें एक छात्र के फोन में वाट्सग्रुप की चैटिंग पकड़ ली। इसमें साजिश देख सभी दंग रह गए। आइईटी के निदेशक डा. प्रतोष बसंल का कहना है कि आरोपित छात्र किसी भी छात्र संगठन से नहीं जुड़े हैं। इनमें दो छात्र सिविल ब्रांच से बीटेक कर रहे हैं।