Love Hormone आज हम बात उस इंसानी फितरत की करेंगे जो हमारे अंदर ज़रूर होनी चाहिए। रिश्ता कोई भी हो एक एहसास जो हमें जोड़ता है वो है प्यार … प्यार का अहसास किसी के लिए भी बेहद खास होता है और प्यार, मोहब्बत की बात होने पर हमेशा ही दिल की बात की जाती है, लेकिन साइंस के हिसाब से मानें तो प्यार भरी फीलिंग का संबंध दिल की बजाय आपके दिमाग से होता है , आइये समझते हैं –
Love Hormone एक एहसास जो हमें जोड़ता है वो है प्यार

- Love Hormone प्यार, मोहब्बत, इश्क, इस अहसास पर न जाने कितनी कविताएं, किस्से-कहानियां और शेरों-शायरी लिखे जा चुके हैं. इन सब में अगर एक चीज कॉमन है तो वो है दिल. हमेशा ही कहा जाता है कि जब किसी को देखकर दिल में ‘कुछ कुछ होता है’ वाली फीलिंग आए तो समझिए उससे प्यार हो गया. यही वजह है कि प्यार का कनेक्शन हमेशा दिल से माना जाता है. अब बात करते हैं कि कैसे दिल की बजाय दिमाग से प्यार का संबंध माना जाता है. दरअसल किसी के लिए अलग तरह की फीलिंग का अहसास करवाने के पीछे दिमाग से निकलने वाला एक हार्मोन होता है. यानि दिल से नहीं बल्कि दिमाग से आती है प्यार वाली फीलिंग.
Love Hormone क्या होता है लव या प्यार का हार्मोन ?
- Love Hormone किसी खास इंसान (लड़का/लड़की) का एक दूसरे के लिए या मां की बच्चे के प्रति प्यार भरी भावनाओं की वजह ऑक्सीटोसिन हार्मोन का निकलना है. ये हार्मोन दिमाग में हाइपोथैलेमस के निचले भाग में मौजूद पीयूष ग्रंथि से निकलता है. ‘ऑक्सीटोसिन’ हार्मोन ही है जिसे आम भाषा में लव हार्मोन या प्यार का हार्मोन कहा जाता है.

Love Hormone आखिर क्यों किसी को देखकर दिल में ‘कुछ कुछ होता है’ ?
- Love Hormone आपने कभी किसी को कहते सुना होगा या फिर खुद महसूस किया होगा कि किसी को देखकर अचानक दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं. दरअसल जब हम ज्यादा खुश होते या एक्साइटेड होते हैं, तब बॉडी में (Catecholamines) नाम का रसायन एक्टिव होता है, कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि दिमाग और दिल की हेल्थ एक-दूसरे से जुड़ी है. इसी वजह से दिमाग से सिग्नल मिलने के बाद दिल की हार्ट बीट पर भी असर पड़ता है.इसीलिए कहते हैं प्यार, दिल और दिमाग एक ही शरीर के चट्टे बट्टे हैं।
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