new trick of cyber crime आए दिन अपने नए हथकंडों से पुलिस को चौंका रहे साइबर अपराधियों ने इस बार जिस ‘सरकारी टूल’ का इस्तेमाल शुरू किया है, उसने पुलिस और तमाम सुरक्षा एजेंसियों को हैरान-परेशान कर दिया है। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे साइबर क्राइम से आगाह करेंगे, जो खासकर उन लोगों को बड़ी आसानी से शिकार बना रहा है, जिनकी कार/टू वीलर या मोबाइल चोरी हुए हैं या उनके परिवार और जानकार में कोई लापता है। यह सरकारी टूल है नेशनल लेवल पर काम कर रही पुलिस की ‘जिपनेट’, जिस पर साइबर अपराधियों ने हाथ आजमाना शुरू कर दिया है। जिपनेट पर अपलोड डिटेल के जरिए दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को फोन कॉल करते हैं, फिर शुरू होता है कि ट्रैप में फंसाने का सिलसिला। ऐसे में अगर आपकी कार/टू वीलर या मोबाइल चोरी हुआ है या आपके परिवार और जानकार में कोई लापता है तो मुमकिन है कि आपके पास उसका कॉल जरूर आए
अनजान नंबर से उसका कॉल जरूर आएगा new trick of cyber crime
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जोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (ZIPNET) पर दिल्ली पुलिस समेत भारत के अधिकतर राज्यों की पुलिस है। इस साइट से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और अन्य राज्यों में चोरी हुई गाड़ियों की जानकारी मिल जाती है। चोरी की गाड़ियों की जानकारी लेने के लिए FIR सर्च करनी होती है।इस पर साइट पर चोरी की गाड़ियों के साथ-साथ गुम हुए बच्चे, अज्ञात बच्चे, गुमशुदा व्यक्ति, अज्ञात मृत व्यक्ति और अज्ञात व्यक्ति आदि के बारे में भी जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके अलावा, यहां आप चोरी हुए मोबाइल फोन के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं।
केस 1: बीते दिनों बुराड़ी के एक शख्स की बेटी लापता हो गई। 15 नवंबर को उनके मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से कॉल आई। परिवार को यकीन दिलाने के लिए बेटी का हुलिया बताया। लोकेशन देने को क्यूआर कोड भेजकर रकम ऐंठ ली। पुलिस ने आरोपी ठग को मऊ से गिरफ्तार किया। पता चला कि करीब 904 लोगों को इसी मॉडस ऑपरेंडी से ठग चुका था।
केस 2: सराय रोहिल्ला के युवक की केटीएम बाइक चोरी हुई। पुलिस ने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की। पीड़ित के वॉट्सऐप पर एक मैसेज आया। दावा किया कि बाइक उसके कब्जे में है। लोकेशन बताने को क्यूआर कोड देकर रकम ऐंठ ली। पुलिस ने आरोपी को दिल्ली से पकड़ लिया। बताया कि वह जिपनेट से चोरी हुए वाहनों और उनके मालिकों का पता निकालकर संपर्क करते थे
पुलिस की सलाह, ऐसी कॉल को इग्नोर करें
पुलिस अफसर का कहना है कि अनजान नंबर से आई कॉल को इग्नोर करें। गाड़ी के रजिस्ट्रेशन या लापता होने के बारे में जानकारी देने के बदले कोई पैसे मांगे तो सचेत रहें। पर्सनल जानकारी देने से बचें। पुलिस को तुरंत सूचना दें। आजकल पुलिस की जिपनेट और सरकार की दूसरी वेबसाइट से गायब हुए बच्चों और दूसरे लोगों का डेटा जुटा लेते हैं। जिपनेट पर परिवार का एड्रेस और नंबर भी होता है। साइबर ठग उन नंबरों पर कॉल कर हुलिया बता कर उनका भरोसा जीत लेते हैं। लेकिन आपको यही पर अपनी समझदारी दिखानी है।
गाडी के ट्रायल में फारेस्ट ऑफिसर्स की मौत , ऋषिकेश में हादसा https://shininguttarakhandnews.com/rangers-road-accident/