Temple of Heaven : स्वर्ग का मंदिर ,जहां पीएम मोदी ने किया योग

Temple of Heaven अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी (Ram Mandir Pran pratistha Date) को होने जा रहा है. इस उत्सव में भाग लेने के लिए पूरा भारत उल्लास से भर गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक ऐसा मंदिर भी है जिसे ‘स्वर्ग का मंदिर’ कहा जाता है. इस मंदिर का दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. इस मंदिर की कहानी काफी दिलचस्प है.


15वीं शताब्दी में किया गया था निर्माण Temple of Heaven

Temple of Heaven
‘स्वर्ग का मंदिर’  चीन के बीजिंग शहर में स्थित है. इसका निर्माण 15वीं शताब्दी में किया गया था. ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, चीन में मध्ययुगीन शासन के दौरान, सम्राट को ‘ईश्वर का पुत्र’ और सर्वोच्च अधिकारी माना जाता था. बादशाह भगवान से अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते थे. वह इस मंदिर में जाते थे. इस काल में शाही समारोह आयोजित किये गये. ऐसा कहा जाता है कि प्रार्थनाओं के कारण राज्य में फसल बहुत अच्छी हुई थी. तभी से इसका सीधा संबंध ईश्वर से माना जाने लगा. यह मंदिर धरती और स्वर्ग के रिश्ते का प्रतीक माना जाता है. इसे चीन के मूल धर्म और दर्शन ताओवाद का मंदिर भी कहा जाता है और यहां ताओ के अनुसार पूजा और धार्मिक अनुष्ठान किये जाते हैं.

600 कमरे और 92 प्राचीन इमारतें
2.73 किलोमीटर में फैले इस लकड़ी के मंदिर की संरचना इतनी आश्चर्यजनक है कि आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे. मंदिर परिसर में 600 कमरे और 92 प्राचीन इमारतें हैं. विशाल मंदिर के मध्य में एक गोलाकार संगमरमर का बरामदा है जिसके मध्य में एक प्रार्थना कक्ष है. पूरे मंदिर को नीले, लाल और मैरून रंग से सजाया गया है. हॉल का निर्माण पूरी तरह से लकड़ी से किया गया है, इसमें एक भी कील का इस्तेमाल नहीं किया गया है. प्रार्थना कक्ष के अंदर गहरे नीले रंग की छत की टाइलें एक स्वर्गीय एहसास देती हैं। यह ध्यान और धार्मिक अभ्यास के लिए सर्वोत्तम स्थान माना जाता है. यहां आपको कई लोग योगाभ्यास और ध्यान करते हुए दिख जाएंगे.


पीएम मोदी ने यहां का दौरा किया था
जियाजिंग सम्राट जू होउकोंग ने स्वर्ग का मंदिर, सूर्य का मंदिर, पृथ्वी का मंदिर और चंद्रमा का मंदिर भी बनवाया. 1911 में स्वर्ग मंदिर पर प्रतिबंध लगा दिया गया. वहां आम लोगों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. लेकिन बाद में इसका जीर्णोद्धार किया गया और 1918 में इसे जनता के लिए खोल दिया गया. आज इस मंदिर में हर साल लाखों लोग आते हैं. मई 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘द टेम्पल ऑफ हेवन’ का दौरा किया था. उन्होंने यहां योग भी किया था।
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