Damdami Taksal अल्पसंख्यकों की आबादी पर बहस चल ही रही है कि अब सिखों की प्रमुख संस्था दमदमी टकसाल के मुखिया ज्ञानी हरनाम सिंह खासला के एक बयान पर बहस छिड़ गई है. दरअसल उन्होंने हर सिख परिवार से अपील की है कि प्रत्येक सिख दंपति को कम से कम 5 बच्चे पैदा करने चाहिए. जिनको भी अपने बच्चे को पालने में दिक्कत आए वे अपने चार (4) बच्चों को उन्हें सौंप दें. उन्होंने आगे कहा कि वह उन बच्चों का पालन-पोषण करेंगे और उन्हें धर्म की शिक्षा देंगे.आपको बता दें कि एक सर्वे रिपोर्ट ने इन दिनों देश की चुनावी सियासत को गरमा रखा है जिसमे अब सिख समाज भी कूद पड़ा है।
सिख कम से कम पांच बच्चे पैदा करो Damdami Taksal

दमदमी टकसाल के प्रमुख सेवादार भाई हरनाम सिंह खालसा (Harna, Singh Khalsa) के उस बयान पर बवाल मच गया है, जिसमें उन्होंने प्रत्येक सिख को कम से कम पांच बच्चे पैदा करने को कहा है। पंजाब राज्य महिला आयोग (Punjab State Women Commission) की चेयरपर्सन राज लाली गिल (Raj Lali Gill) ने इस बयान का गंभीर नोटिस लेते हुए दो टूक कहा है कि महिला कोई बच्चे पैदा करने वाली मशीन नहीं है जो पांच-पांच बच्चे पैदा करें।
खालसा ने सिखों से अपील करते हुए कहा कि वे बच्चों को धर्म प्रचारक बनाएंगे. उन्होंने कहा कि एक बच्चे तक सीमित न रहो नहीं तो आने वाले समय में सिख अल्पसंख्यक होंगे और मार खाएंगे. दमदमी टकसाल के 16वें प्रमुख हरनाम सिंह खालसा ने कहा कि सिख जोड़ों को ‘पंजाब को धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत करने के लिए कम से कम पांच बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखना चाहिए’.
खालसा ने कहा है कि प्रत्येक सिख परिवार कम से कम पांच बच्चे पैदा करें, परिवार उनका पालन करने में असमर्थ होगा तो उक्त परिवार एक बच्चा अपने पास रख ले और शेष चार बच्चे उन्हें सौंप दें, वे उनका पालन पोषण करेंगे। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों की संख्या अधिक होने से पारिवारिक मूल्यों को बचाने में सहायता मिलेगी और समाज मजबूत होगा। बता दें कि दमदमी टकसाल (Damdami Taksal) एक सिख संगठन है।मालूम हो कि उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 1950 से 2015 तक (65 साल में) हिंदू आबादी में 7.8 प्रतिशत की गिरावट आई है, दूसरी ओर मुस्लिम आबादी में 43.15 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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