Sahastratal Trekkers Death : स्वर्ग देखने निकले थे मिली बर्फीली मौत

Sahastratal Trekkers Death देवताओं की झील’ देखने की चाहत ने 9 जिंदगियों को लील ल‍िया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सहस्‍त्रताल ट्रैक पर हुए दुखद हादसे ने सभी का द‍िल तोड़कर रख द‍िया है। 22 लोग रोमांच के सफर को न‍िकले थे, लेक‍िन मौत के चक्रव्यूह में फंस गए। अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी सभी को बचा ल‍िया गया है। 15,000 फीट की ऊंचाई पर जहां जमाने वाली ठंड हो और चारों तरफ बर्फ ही बर्फ हो, वहां अचानक खराब हुए मौसम ने बड़ी आफत से इन बदनसीब ट्रेकर्स का सामना हो गया था जिसके बाद ये खौफनाक हादसा हो गया ।


हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश Sahastratal  Trekkers Death



सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जनपद के सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक रूट पर हादसे की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं।मजिस्ट्रियल जांच गढ़वाल आयुक्त करेंगे। सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बारे जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। आयुक्त को निर्देशित किया गया है कि घटना की निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट शासन को दी जाए।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक हादसे के शिकार सैलानियों की मौत पर गहरा दुख जताया है। सीएम हादसे की सूचना के बाद से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण अभियान को तेजी से संचालित करने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे सभी लोगों, विभागों व संगठनों ने पूरा प्रयास किया। जिसके चलते हादसे में जीवित सैलानियों को सुरक्षित निकालने में सफलता मिली है।


कहां के हैं ट्रैकर्स?
हिमालयन व्यू ट्रैकिंग एजेंसी, मनेरी के मुताब‍िक 22 लोगों में 18 कर्नाटक के एक महाराष्‍ट्र के और तीन स्थानीय गाइड शाम‍िल थे। अभी तक 13 लोगों का रेस्क्यू करा ल‍िया गया है। नौ शव को नीचे लाया जा चुका है। जानकारी म‍िली क‍ि 22 में से दो की तबीयत बीच में ही खराब हो गई थी और वे कल्‍याण बेस कैंप पर वापस आ गए थे। रेस्‍क्‍यू में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई।


बेहद खूबसूरत है ट्रैक
सहस्त्रताल झील के ट्रैक को “देवताओं की झील” और सात झीलों की यात्रा के रूप में भी जाना जाता है। उत्तरकाशी ज‍िले में यह घाटी बेहद खूबसूरत है और यहीं पर मौजूद है यह झील। रास्‍ते में कई और झीलें भी हैं। यह हमेशा से ट्रैकर्स के ल‍िए रोमांच का केंद्र बनी रहती है। वहीं उत्तराखंड के लोगों के ल‍िए इसका आध्‍यात्‍म‍िक महत्व भी है। हर साल स्‍थानीय लोग एक अनुष्ठान करते हैं ज‍िसमें वह भगवान को अपने कंधों पर लेकर जाते हैं और झील के चारों और घूमते हैं। इस झील के बारे में कहानी भी है क‍ि अनुष्ठान पूरा करने के ल‍िए भगवान विष्णु ने यहां एक हजार फूल अर्पित क‍िए थे।
ShiningUttarakhandNews

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