SGRR उत्तराखंड के बेटे IAS Anshul Bhatt श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से रूबरू हुए। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर 22वीं रैंक प्राप्त कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने से सम्बन्धित सफलता के मंत्र दिए। छात्र-छात्राएं युवा आईएएस को अपने बीच पाकर बेहद खुश हुए।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में प्रेरक वार्ता का आयोजन किया गया। एसजीआरआर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉक्टर कुमुद सकलानी ने अंशुल भट्ट का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हर माता पिता का यह सपना होता है कि उनका बेटा आईएएस . बने। अंशुल भट्ट की सफलता यह बताती है कि उनके अथक प्रयासों ने उन्हें यह मुकाम हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंशुल भट्ट के जैसे होनहार छात्र आज के युवाओं के लिए रोल माॅडल हैं।
अंशुल भट्ट की यह यात्रा प्रेरणादायक रही है। वे अब तक पौड़ी, हरिद्वार, रुड़की, अल्मोड़ा, हल्द्वानी, काशीपुर और रुद्रपुर जैसे विभिन्न शहरों के स्कूलों में पढ़ चुके हैं। बारहवीं कक्षा में उन्होंने निन्यानबे प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। स्नातक उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से किया, जहाँ वे कई छात्र प्रतिनिधित्व पदों पर रहे।
अंशुल भट्ट ने छात्र-छात्राओं के साथ सीधा संवाद किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभव साझा किए और उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के टिप्स बताये उन्होंने पौड़ी कंडोलिया में अपने स्कूल के दिनों के संस्मरण भी साझा किए। उन्होंने कहा कि वह अपने प्रदेश व देश के लिए कुछ बेहतर से बेहरत कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधन सफलता में बाधक नहीं होते हैं।
सीमित संसाधनों को बेहतर उपयोग कर श्रेष्ठ लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा की यह धारणा सही नहीं है कि केवल दिल्ली देहरादून या मैट्रो शहर ही सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए उपयुक्त स्थान हैँ। दूर दराज के गांव में भी निर्धारित लक्ष्य बनाकर यह मुकाम हासिल किया जा सकता है। उनकी प्रेरक स्पीच ने स्टूडेंट्स को बेहद प्रभावित किया।