Mussoorie Traffic Jam : तो क्या मसूरी ट्रैफिक जाम ने ली टूरिस्ट की जान ?

Mussoorie Traffic Jam मजा कहीं आपके लिए सजा न बन जाये इसके लिए सावधान रहना भी ज़रूरी है। अगर आप मौज मस्ती ,घुमक्कड़ी के मूड से पहाड़ों की ओर आ रहे हैं तो मौसम ट्रेफिक और भीड़ का सही अनुमान ज़रूर लगा लें क्योंकि बेतहाशा भीड़ आपके लिए मुसीबत भी बन सकती है। मसूरी घूमने आए एक वरिष्ठ पर्यटक की तबीयत बिगड़ने पर समय पर चिकित्सा सुविधा न मिल पाने के कारण दुखद मृत्यु हो गई। जानकारी के अनुसार, दिल्ली से आए एक परिवार के 62 वर्षीय सदस्य की हालत अचानक बिगड़ गई। उन्हें अस्पताल ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन भारी ट्रैफिक जाम के कारण करीब 45 मिनट तक वाहन फंसा रहा, जिससे समय पर इलाज नहीं मिल पाया।


मृतक के भतीजे अर्जुन कपूर ने बताया कि उनके चाचा कमल किशोर टंडन मसूरी के लाइब्रेरी क्षेत्र में अपने परिवार के साथ ठहरे हुए थे। बृहस्पतिवार को अचानक उन्हें बेचैनी महसूस हुई, संभवतः ठंड और बारिश की वजह से उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसे परिजन हृदयगति रुकने से जोड़कर देख रहे हैं। परिवार ने तत्काल एंबुलेंस के लिए संपर्क किया, लेकिन एंबुलेंस के देर से पहुंचने की आशंका के चलते उन्होंने निजी वाहन से अस्पताल जाने का निर्णय लिया। दुर्भाग्यवश, मोतीलाल नेहरू रोड, गांधी चौक और किंग्रेग मार्ग पर गाड़ियों की लंबी कतारों के कारण उन्हें ट्रैफिक से निकलने में लगभग एक घंटा लग गया। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, तब तक कमल किशोर की मौत हो चुकी थी।

Mussoorie Traffic Jam- परिजन का कहना है कि स्थानीय पुलिस ने मदद की कोशिश जरूर की, लेकिन जाम की स्थिति इतनी गंभीर थी कि कोई राहत नहीं मिल सकी। अर्जुन कपूर ने प्रशासन से मांग की कि पर्यटकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिहाज से मसूरी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एंबुलेंस सुविधा और होटलों में मेडिकल किट उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, भारी वाहनों की आवाजाही पर कुछ इलाकों में प्रतिबंध भी लगाया जाए।

स्थानीय निवासी शलभ गर्ग और अन्न गर्ग ने भी पुष्टि की कि उस दिन मसूरी के प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक बेहद धीमा था। इस संबंध में जब पुलिस से संपर्क किया गया, तो कोतवाल संतोष कुंवर ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं मिली है, हालांकि पर्यटन सीजन को देखते हुए शहर के प्रमुख चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि यातायात सामान्य बना रहे।