Yamunotri Landslide उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। खासकर पहाड़ी जिलों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। विश्वप्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर नौ कैंची बैंड के पास शाम चार बजे अचानक चट्टान खिसकने से भूस्खलन हुआ, जिसमें कुछ तीर्थयात्रियों के मलबे में दबने की आशंका है।घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान में जुट गई हैं। एक श्रद्धालु को मलबे से सुरक्षित निकालकर प्राथमिक उपचार के लिए जानकीचट्टी अस्पताल भेजा गया, जहां चिकित्सक डॉ. हरदेव सिंह पंवार ने उसे खतरे से बाहर बताया है।
मलबे में दबे यात्रियों की तलाश जारी Yamunotri Landslide
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले जानकीचट्टी-पैदल मार्ग पर भैरव मंदिर के पास ‘नौ कैंची’ नामक स्थान पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ है। इस हादसे में 3 से 4 श्रद्धालुओं के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, मेडिकल टीम, और प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्ध स्तर पर जारी है। एक यात्री को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है, जिसे जानकीचट्टी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।प्रशासन ने यात्रियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक मौसम सामान्य न हो, तब तक यात्रा न करें। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही वर्षा के कारण भूस्खलन और चट्टान गिरने का खतरा लगातार बना हुआ है।
जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर के मुताबिक, घटना की जानकारी मिलते ही सभी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया। फिलहाल यात्रा मार्ग पर आवाजाही रोक दी गई है। जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा बताया गया कि स्मार्ट कंट्रोल रूम से पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जा रही है, और सभी संबंधित एजेंसियों को प्रभावित क्षेत्र में त्वरित राहत एवं बचाव कार्य के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी प्रशांत कुमार आर्य स्मार्ट कंट्रोल रूम से रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने फिलहाल उस क्षेत्र में पैदल आवाजाही पर रोक लगा दी है।एसडीआरएफ और यमुनोत्री पुलिस की टीमें मौके पर राहत कार्य में जुटी हैं। मलबा हटाने के बाद ही स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि कितने लोग इसकी चपेट में आए हैं। जिला परिचालन केंद्र के अनुसार अन्य दबे लोगों की खोजबीन जारी है।