देहरादून से आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Dehradun Disaster जो लोग IAS सविन बंसल की कार्यशैली नहीं जानते हैं उन्हें ये खबर और इसकी तस्वीरों को आँख खोल कर देख और पढ़ लेनी चाहिए। लोगों को भरम रहता है कि बंसल कलेक्टर साहेब हैं तो आदेश झाड़ते होंगे छोटे अधिकारीयों को आपदा ग्रस्त गाँवों में भेजकर इतिश्री करते होंगे लेकिन जनाब जो तस्वीरें यहाँ आपको दिखा रहे हैं उसके बाद आपको भी लगेगा कि पीड़ित जनता के बीच पहुँच कर दर्द बांटने वाले सीएम धामी ने ऐसे जुझारू और संवेदनशील आईएएस सविन बंसल को देहरादून जैसे दबावग्रस्त राजधानी की कमान क्यों थमाई होगी। खबर से अन्य अधिकारीयों को नेताओं को भी प्रेरणा ज़रूर लेनी चाहिए।

अधिकारीयों को नेताओं को भी प्रेरणा लेनी चाहिए
देहरादून में आई आपदा का दंश झेल रहे पीड़ितों के लिए डीएम सविन बंसल फरिश्ता बनकर उभरे हैं। एसी दफ्तर में बैठकर आदेश जारी करने की बजाय वो खुद बेहद दुर्गम आपदाग्रस्त गाँवों में पहुंचकर लोगों की समस्याओं का तत्काल समाधान भी कर रहे हैं। इस मिशन में देहरादून का पूरा प्रशासनिक तंत्र जी जान से जुटा है जिसमें आपदा प्रबंधन में अनुभवी एडीएम कृष्ण कुमार मिश्रा की भूमिका अहम है तो वहीँ एडीएम सिटी प्रत्युष सिंह और एडीएम अपूर्वा भी लगातार आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मोर्चा सम्हालते हुए लोगों तक हर प्रकार से राहत पहुंचा रही हैं।

फरिश्ता बनी डीएम सविन बंसल की समर्पित टीम
बीते दिनों मुख्यमंत्री धामी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर राहत अभियान को बेहतरीन बताया था जिसकी वजह से जान माल के नुक्सान को कम किया जा सका था। अब इसी कड़ी में मजाड़, कार्लीगाड, सहस्त्रधारा, मालदेवता आपदा राहत तथा मसूरी में सम्पर्क मार्ग खुलवाने के बाद डीएम ने प्रभवित क्षेत्र पहुँच कर अपना कर्तव्य निभाया है ,

जनपद मुख्यालय के सम्पर्क से कट हो चुके फुलेत, छमरोली, सिल्ला, सिमयारी, सिरोना, क्यारा जहां हेली से रसद पंहुचाई जा रही थी और जहां जाना भी बेहद मुश्किल था वहां डीएम सविन बंसल पहुंचे , परेशानी झेल रहे गाँव वालों ने डीएम को सामने देख प्रशासनिक जीवटता की सराहना की और उनसे अपना दर्द साझा किया।

ग्रामीण बोले आजादी के बाद कोई डीएम आए फुलेत Dehradun Disaster
बीते कई दिनों से उत्तराखण्ड के अलग अलग जिलों के साथ साथ राजधानी देहरादून भीषण आपदा से गुजर रहा है। जहां कई इलाके सम्पर्क से ही कट हो गए थे और स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। देहरादून के कार्लीगाड, मजाड़, सहस्त्रधारा, मालदेवता, फुलेत, छमरोली, सिमयारा, सिल्ला, सिरोना, क्यारा गांव भीषण आपदा से जूझ रहे हैं।

आपदा की रात से ही डीएम बंसल ने अपनी सबसे अनुभवी प्रशासनिक टीम को ग्राउंड में उतारा जिसकी पल पल की मॉनिटरिंग करते हुए उन्होंने न सिर्फ राहत कार्यों को युद्धस्तर पर जारी रखा तो वहीँ आपदा पीड़ितों का जीवन वापस पटरी पर लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर प्रकार से सहायता भी पहुंचाई जा रही है।

जिलाधिकारी बंसल ने कार्लीगाड, मजाड़ में रेस्क्यू आपरेशन तथा मालदेवता रोड वाशआउट रोड कार्य तथा मसूरी में आवागमन सुचारू करवाया और इस कार्यों में अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जिसकी डीएम बंसल स्वयं माॅनिटिरिंग कर रहे हैं। जिला प्रशासन युद्धस्तर पर जनजीवन सामान्य बनाने में जुटा है।

गाढ; गदेरे पार कर आपदा प्रभावितों तक पंहुचे डीएम
जिलाधिकारी ने हेली सेवा का विकल्प छोड़ विकट सड़क मीलों पैदल मार्ग को चुना तथा मालदेवता से सेरकी-सिल्ला, भैंसवाड़ गांव छमरोली के कुछ हिस्से तक विकट सड़क तथा उसके बाद लगभग 12 किमी गांव-गांव पैदल चल घर से लेकर खेत-खलियान तक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया तथा राहत बचाव कार्य क्षति का आंकलन एवं मुआवजा वितरण के लिए विशेष तहसीलदार,बीडीओ सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों एवं कार्मिंको की अग्रिम आदेशों तक ड्यूटी लगा दी है जो खर्चे का आंकलन तथा मुआवजा वितरण होने तकआपदाग्रस्त क्षेत्र में रहेंगे।

