AI Technology in Schools स्कूलों में बच्चे सीखेंगे एआई के फायदे !

AI Technology in Schools देश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया बदलाव आने वाला है. अब कक्षा 3 के बच्चे भी मोबाइल या कंप्यूटर इस्तेमाल करने से पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मूल बातें सीखेंगे. शिक्षा मंत्रालय ने इस योजना को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसका मकसद बच्चों को टेक्नोलॉजी की समझ के साथ-साथ समस्या सुलझाने और क्रिएटिव सोच में सक्षम बनाना है.

 बच्चों के लिए नया कोर्स AI & Computational Thinking

इस नए पाठ्यक्रम का नाम AI & Computational Thinking (AI & CT) रखा गया है. इसमें बच्चों को यह सिखाया जाएगा कि रोबोट कैसे काम करता है, मशीनें कैसे सोचती हैं और टेक्नोलॉजी का उपयोग समाज और जीवन को बेहतर बनाने में कैसे किया जा सकता है. इस कोर्स का मकसद सिर्फ तकनीकी ज्ञान देना नहीं है, बल्कि बच्चों में नैतिक और सामाजिक रूप से जिम्मेदार AI उपयोग की समझ पैदा करना भी है.

कब से शुरू होगा यह कोर्स?

यह कोर्स 2026-27 शैक्षणिक सत्र से पूरे देश के स्कूलों में लागू होगा. शुरुआत कक्षा 3 से होगी और फिर हर साल एक क्लास बढ़ाते हुए इसे उच्च कक्षाओं तक पहुंचाया जाएगा. दिसंबर 2025 तक बच्चों के लिए किताबें, हैंडबुक, वीडियो और डिजिटल सामग्री तैयार हो जाएगी. साथ ही, शिक्षकों की ट्रेनिंग NISHTHA और अन्य संस्थानों के माध्यम से पहले ही शुरू हो चुकी है.

कोर्स किसने तैयार किया है?

इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में CBSE, NCERT, KVS, NVS और राज्य सरकारें मिलकर काम कर रही हैं. इस पाठ्यक्रम की अगुवाई IIT मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमण कर रहे हैं. उनका लक्ष्य है कि यह कोर्स राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (NCF SE 2023) के अनुरूप हो और बच्चों की सोच और तकनीकी क्षमता को बेहतर बनाए.

इस कदम की जरूरत क्यों है?

भारत का टेक्नोलॉजी सेक्टर तेजी से उभर रहा है. 2025 में AI मार्केट का आकार 17 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है और 2030 तक इसे 100 बिलियन डॉलर पार करने की उम्मीद है. शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि अगर बच्चे अब से AI सीखेंगे, तो वे सिर्फ तकनीक के उपयोगकर्ता नहीं रहेंगे, बल्कि क्रिएटर और नवप्रवर्तन कर्ता बनेंगे. यह नई नौकरियों जैसे AI इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट और रोबोटिक्स एक्सपर्ट के लिए भी तैयारी साबित होगी और गांव-गांव तक टेक्नोलॉजी की पहुंच सुनिश्चित होगी.