Ajab Gajab : खबर हंसाएगी भी चौंकाएगी भी – तमाशा गजब है

Ajab Gajab खबर आपको हंसाएगी भी चौंकाएगी भी क्योंकि सरकारी सिस्टम किस तरह काम करते हैं यह तो आपको पता ही होगा, लेकिन बात जब बिहार की हो तो मामला अलग ही नहीं अनोखा भी हो जाता है. बिहार में ट्रैक्टर का आवास प्रमाण पत्र बनाने जैसा मामला एक बार फिर सामने आया है. इस बार बिहार के अधिकारियों ने ब्लूटूथ डिवाइस के नाम का ही आवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया है. मामला सोशल मीडिया पर वायरल है, जिस पर यूजर्स जमकर मजे ले रहे हैं. कुछ तो पूछ रहे हैं कि ये अधिकारी भांग खाकर काम करते हैं क्या ? बिहार की राजधानी पटना के बाढ़ अंचल कार्यालय के अधिकारियों ने अनजाने में “ब्लूटूथ नॉइज़” को बिहार का सबसे नया निवासी घोषित कर दिया है और उसके माता-पिता का नाम “ईस्ट वुड” बताते हुए आधिकारिक कागजात भी जारी कर दिए हैं.

अफसरों ने ब्लूटूथ का बना डाला आवासीय प्रमाण पत्र Ajab Gajab


मामला पटना के बाढ़ अंचल कार्यालय का है, जहां युवक का दावा है कि आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया था. उसने कई दिन तक चक्कर लगाए, लेकिन अधिकारियों ने प्रमाण पत्र जारी नहीं किया. इसके बाद युवक ने फर्जी नाम ब्लूटूथ से आवेदन किया, लेकिन भांग खाकर बैठे अधिकारियों ने बिना जांच के लिए उसके पते पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया.

ब्लूटूथ के पापा का का नाम ईस्टवूड

बिहार के बाढ़ अंचल कार्यालय के अधिकारियों का कारनामा सिर्फ ब्लूटूथ नाम तक ही सीमित नहीं है. अधिकारियों ने ब्लूटूथ के माता-पिता को भी नया नाम दिया है. आवासीय प्रमाण पत्र में ब्लूटूथ के पिता और माता का नाम ईस्टवूड रख दिया. इतना ही नहीं प्रमाण पत्र पर जारी फोटो भी ब्लूटूथ डिवाइस की ही है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस फर्जी प्रमाण पर यूजर्स भड़के हुए हैं और लापरवाह अधिकारियों को पानी पी-पीकर गालियां दे रहे हैं.


बाप रे बाप ! ब्लूटूथ ट्रैक्टर का आवास प्रमाण पत्र जारी

प्रमाण पत्र में आवेदक की नहीं, बल्कि एक असली ब्लूटूथ ईयरपीस की तस्वीर भी है, जो अपनी आधिकारिक तस्वीर के लिए बहुत आकर्षक भी लग रही है. बाढ़ के उप-विभागीय अधिकारी ने मामले में जांच का वादा किया है.दरअसल एक शरारती आवेदक ने सिस्टम की मजबूत सत्यापन प्रक्रिया को परखने के लिए ब्लूटूथ नॉइज़ नाम से एक आवेदन जमा किया, जिसमें उसके माता-पिता का नाम ईस्ट वुड भरा था और अपने वायरलेस डिवाइस की एक तस्वीर भी उसके साथ लगा दी और देखते ही देखते इसी नाम से रबर-स्टैम्प लगा हुआ प्रमाण पत्र बना दिया गया मानो एयरपॉड्स प्रो बिहार का कोई नागरिक हो.आवेदक ने कहा, “मैंने यह इसलिए किया ताकि यह पता चल सके कि क्या कोई प्रमाण पत्र जारी करने से पहले वास्तव में जांच करता है.”


अधिकारियों के कारनामे पर मजे ले रहे यूजर्स

मुंगेर के अफसरों ने भी पीछे न रहते हुए हाल ही में एक सोनालीका ट्रैक्टर को आवासीय प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जिसमें ट्रैक्टर की फोटो भी है,.इससे पहले कहीं अगले हफ्ते आवेदकों में वाई-फ़ाई राउटर सिंह शामिल होंगे या वॉशिंग मशीन देवी. इस बीच, बिहार के निवासी यह सोच रहे हैं कि क्या अगले चुनाव में ब्लूटूथ नॉइज़ चुनाव लड़ेंगे और शायद सोनालीका ट्रैक्टर उनके प्रचार वाहन के रूप में भी डबल रोल निभाएगा.बिहार के अधिकारियों का यह अजूबा सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिस पर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स कर रहे है. एक यूजर ने लिखा, इधर रियल अप्लाई करने पर रिजेक्ट हो जा रहा है. एक यूजर ने लिखा, सोचने वाली बात है बिहार की सारी भलाई में डोमेसाइल के नाम किस लेवल पर फर्जीवाड़े हुए होंगे. एक यूजर ने लिखा, सिस्टम ब्लाइंड हो चुका है. एक अन्य यूजर ने लिखा, बिहार में कुछ भी हो सकता है.