Amazing Teacher Takshshila अगर आप भी upsc की तैयारी कर IAS / IPS बनना चाहते हैं लेकिन आपके पास पढ़ाई के पैसे नहीं हैं तो अब परेशान होने की जरुरत नहीं है. बलिया जनपद के रहने वाले शिक्षक अनूप उपाध्याय ने सराहनीय कदम उठाया है. अनूप उपाध्याय लखनऊ, दिल्ली और पटना जैसे तमाम जगहों पर आईएएस पीसीएस की तैयारी 8 वर्षों से करा रहे हैं. इनको जब ऑनलाइन क्लासेस में सफलता मिली तो यह पुनः अपने गृह जनपद में आ गए और ऑनलाइन क्लास के बाद जनपद के बच्चों को फ्री में GK/GS की तैयारी कराने लगे. केवल गुरु दक्षिणा के नाम पर एक रुपया बच्चों से लेते हैं.
मंहगाई के दौर में शिक्षा की सौगात Amazing Teacher Takshshila

तक्षशिला के संस्थापक अनूप उपाध्याय बताते हैं कि मैं बलिया जनपद का निवासी हूं. मैं भी गरीबी से जूझा हूं मुझे पता है गरीबी क्या होती है. इसी के उद्देश्य से मैं अपने जनपद के बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का वीणा उठाया हूं. ताकि यह बच्चे आगे चलकर जनपद का नाम रोशन करते हुए उच्चासीन पदों की शोभा बढ़ाएं. अभी तक मेरे द्वारा पढ़ाए गए सैकड़ो बच्चे सफल हो चुके हैं जो ऊंचे-ऊंचे पदों पर अपना सेवा दे रहे हैं. जो हमारे हौसले को और भी बुलंद करने का काम करता है.
केवल गुरु दक्षिणा के नाम पर एक रुपया
जिले के सिविल लाइन पुलिस चौकी के ठीक बगल में स्थित तक्षशिला में बलिया के रहने वाले अनूप उपाध्याय ने बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का सराहनीय कदम उठाए है. इनका उद्देश्य है कि आईएएस पीसीएस की तैयारी करने के लिए जो बच्चे यहां से पलायन करने के लिए मजबूर होते थे. उस पलायन को किसी भी प्रकार से रोका जा सके. जिसके लिए यह अपने बच्चों से गुरु दक्षिणा के नाम पर केवल ₹1 लेते हैं. इस संस्थान के संचालित होने की बात करें तो जो इनको अन्य संस्थान के द्वारा ऑनलाइन पढ़ाने की सैलरी मिलती है. उसी सैलरी के कुछ हिस्सों को अपने जनपद के बच्चों पर खर्च करते हैं. ताकि यह बच्चे आगे चलकर जनपद का नाम रोशन कर सके.
मुझे पता है गरीबी क्या चीज है
उपाध्याय जी ने कहा कि मैं उस गरीबों को झेला हूं. मैं जानता हूं कि गरीबी क्या चीज है. मैं जब कुछ सफल हुआ तो मेरे मन में यह विचार आया कि मैं अपने जनपद के लिए क्यों न कुछ करूं. जिसके फल स्वरुप इन बच्चों को फ्री में शिक्षा देने का कदम उठाया. यहां प्रवेश बच्चों के लिए बिल्कुल नि:शुल्क है. केवल यह बच्चे अच्छे से पढ़ें. मेरे नाम के साथ जनपद का नाम भी रोशन करें. तक्षशिला में पढ़ने आए तमाम बच्चों ने कहा कि इस कोचिंग संस्थान में आने के बाद यह महसूस हुआ कि आज भी शिक्षा के आगे पैसा फेल है. बच्चों ने कहा कि यहां केवल गुरु दक्षिणा के नाम पर एक रुपया लिया जाता है. जो कहीं न कहीं हम लोगों के लिए एक आधार बना है.
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