Amazing Truth इतिहास की रोचक कहानियों में आज आपको एक दिलचस्प प्रेमकहानी बता रहे हैं। कपूरथला के राजकुमार परमजीत सिंह ने जब पेरिस में एक सुंदर, छरहरी और सौंदर्य से भरपूर बलखाती हुई कैबरे डांसर को देखा तो एकझटके में उसका दीवाना हो गया. उस प्रोग्राम में वह पत्नी के साथ बैठा था. शो खत्म होने के बाद सिख राजकुमार स्टेज के पीछे उस डांसर युवती के पास गया. फूलों का गुलदस्ता दिया. इसके बाद एक ऐसी लव स्टोरी शुरू हुई. जिसका अंतिम सफर इस कब्र तक आकर खत्म हो गया. पिता महाराजा के विरोध के बाद भी ना केवल वह उसके साथ रहने लगा बल्कि शादी करके उसे महारानी भी बना दिया. इस कैबरे डांसर का नाम था स्टेला मुडगे.
सिख प्रिंस कैबरे डांसर को देखते ही दीवाना हो गया Amazing Truth
स्टेला का जन्म 13 अक्टूबर, 1904 को इंग्लैंड के केंट में हुआ था. उसके बाल लाल थे, होंठ धनुषाकार. पैर लंबे और पतले. वह एक मशहूर थिएटर कंपनी के साथ पेरिस गई और किस्मत ने उसे कैबरे डांसर बना दिया. उसके शो हिट होने लगे. वह बिजली की थिरकती और मचलती थी.उसी समय पंजाब के कपूरथला का सिख राजकुमार अपनी खूबसूरत बीवी वृंदा के साथ पेरिस घूमने गया था. वह स्टेला का कैबरे शो देखने गया. जैसे ही उसने 18 साल की स्टेला को स्टेज पर बिजलियां गिराते देखा, वो फट से उसका दीवाना ही हो गया. शो खत्म हुआ. सिख राजकुमार स्टेज के पीछे गया. स्टेला को फूलों का खूबसूरत गुलदस्ता भेंट किया. फिर राजकुमार ने उसे डिनर का न्योता दिया. फिर एक प्रेम कहानी चल पड़ी. जहां स्टेला जाती, राजकुमार भी साथ होता. कैबरे शो में वह हमेशा मौजूद रहता.
कपूरथला की विदेशी रानी स्टेला मुडगे, जो पहले कैबरे डांसर थी.
परमजीत अपनी विदेशी माशूका पर इतना दीवाना हो चुका था कि उसके बगैर रहना मुश्किल हो गया. लिहाजा वो उसको गुपचुप भारत ले आया. उसके स्टेला को एक शानदार घर में रखा. गुप्त तरीके से उससे मिलने लगा. परमजीत जितनी कोशिश करता कि ये रिश्ता गोपनीय रहे. स्टेला उतना ही इसे रिश्ते के बारे में खुलेआम घोषणा करने लगी.जब ये खबर राजमहल में पहुंची तो तहलका मच गया. राजकुमार को रिश्ते के बारे में पिता को बताना ही पड़ा. कहना पड़ा कि वह स्टेला से शादी करना चाहता है. पिता महाराजा जगतजीत आगबबूला हो गये. साफ कह दिया कि ये शादी किसी हालत में नहीं हो सकती. हालांकि कुछ सालों पहले उन्होंने खुद एक स्पेनी डांसर से शादी की थी. ये रिश्ता टूट गया क्योंकि राजा ने विदेशी बीवी को बेटे के साथ प्यार करते हुए पकड़ लिया था. ये बेटा कोई और नहीं बल्कि परमजीत ही था. बाद में महाराजा ने विदेशी बीवी से रिश्ता तोड़कर उसे लंदन भेज दिया.
महाराजा बेटे की दूसरी शादी कराना चाहता था ताकि वंश को उससे एक बेटा मिले. लेकिन स्टेला से तो कतई नहीं. जब महाराजा ने बेटे के लिए हिमाचल में कांगड़ा की एक राजपूत लड़की से रिश्ता तय किया तो 1932 में मन मारकर परमजीत को शादी करनी पड़ी. हालांकि इस काम के लिए महाराजा को उसी स्टेला की मदद लेनी पड़ी जिसे वह कतई पसंद नहीं करता था.वह स्टेला के पास पहुंचा, उसे 10 लाख रुपए दिए. ये वादा लिया कि वह राजकुमार को शादी के लिए राजी करेगी. शादी तो किसी तरह हो गई. लेकिन राजकुमार नई बीवी के पास जाने को तैयार नहीं था. स्टेला ने भी उसको दूसरी बीवी के पास जाने के लिए कहा. दोनों में भयंकर झगड़ा हुआ. परमजीत को दूसरी बीवी के पास जाना पड़ा.
शराब के नशे में होटल से गिरी और मृत्यु
स्टेला इंग्लैंड चली गईं लेकिन वहां उसे बोरियत महसूस होने लगी. वह भारत वापस आईं. दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में एक साधारण से घर में रहने लगीं. लेकिन दिल्ली में भी जब अकेलापन महसूस हुआ तो वो 1957 में शिमला आ गईं. वहां वह होटल सेसिल के एनेक्सी में रहने लगीं.शिमला के लोगों का कहना है कि वह कामुक जीवन जीती थी. खूब शराब पीने लगी. जनवरी 1984 में नशे में धुत होकर सेसिल एनेक्सी में अपने अपार्टमेंट में गिर गई. कई दिनों तक बेहोश रही. पुलिस ने दरवाजा तोड़कर उसे शिमला सेनेटोरियम ले गई. वहां से उसे सेंट स्टीफन अस्पताल, दिल्ली में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां 23 फरवरी, 1984 को उसकी मृत्यु हो गई. नई दिल्ली के पृथ्वीराज रोड कब्रिस्तान में उसके अंतिम संस्कार में कुछ ही लोग शामिल हुए. अब भी उसकी कब्र वहां है लेकिन कोई नहीं जानता कि वो कौन है. कब्र टूटती जा रही है.