Amazing Victory प्रतिभा को कभी मोहताज़ नहीं होना पड़ता है। वो अपना रास्ता और मंज़िल खुद खोज लेती है। पहाड़ के धाकड़ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बेटे ने खेल के मैदान में वैसा ही आगाज़ किया है जैसा धाकड़ आगाज़ राजनीती में उनके पिता ने कर के दिखाया है। मुख्यसेवक धामी के छोटे बेटे प्रभाकर धामी ने बिना किसी कोच की मदद लिए स्वयं ही अपने दैनिक प्रयास के माध्यम से स्केटिंग के गुर सीखते हुए राज्य स्तरीय स्केटिंग प्रतियोगिता में अर्जित किया स्वर्ण पदक। प्रभाकर का उत्तराखण्ड की राष्ट्रीय स्केटिंग टीम में चयन भी हुआ है।
Amazing Victory पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा

- Amazing Victory अपने स्केटिंग के खेल कौशल से विभिन्न प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त कर अपने नाम प्रभाकर के अनुरूप छोटी सी आयु में प्रसिद्धि प्राप्त की है।प्रभाकर के स्केटिंग की खास बात ये है कि उन्होंने इसे सीखने के लिए किसी कोच की मदद नहीं ली बल्कि स्वयं ही अपने दैनिक प्रयास के माध्यम से स्केटिंग के गुर सीखे। कुछ दिन पूर्व प्रभाकर ने टोन्सब्रिज पब्लिक स्कूल में आयोजित 21वीं उत्तराखंड राज्य रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में भी अपना दमखम दिखाते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

- Amazing Victory प्रभाकर की मां गीता धामी ने बताया कि प्रभाकर को बचपन से ही स्केटिंग का शौक है, अक्सर स्कूल से आकर स्केटिंग खेलने की जिद और इस खेल के प्रति ललक से आज प्रभाकर के हौसले को और अधिक मजबूती मिलेगी। प्रभाकर की स्केटिंग खेल कौशल से लगता है कि आगे आने वाले समय में अवश्य वह इसके माध्यम से देश व प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। पहाड़ में खेल और प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। परिवार किसी सामान्य वर्ग का हो या मुख्यमंत्री जैसे वीवीआईपी का बच्चों में हुनर हो तो वो फलक को छूते ही हैं। उम्मीद की जा रही है कि पिता सीनियर धामी की तरह जूनियर धामी खेल के मैदान में बड़ा नाम कमाएंगे।
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