Army Uniform आर्मी कॉम्बैट यूनिफॉर्म ! सेना ने कराया पेटेंट

भारतीय सेना ने अपनी नई तीन-परत वाली कॉम्बैट यूनिफॉर्म पर आधिकारिक रूप से पेटेंट हासिल कर लिया है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि अब इस वर्दी की नकल कोई भी नहीं कर सकेगा. आर्मी की यह नई यूनिफॉर्म कई मायनों में काफी खास और उन्नत है, जिसे डिजिटली तैयार किया गया है. आइए जानते हैं भारतीय सेना की नई वर्दी कितनी ज्यादा खास.

 

 

भारतीय सेना ने अपनी नई तीन-परत वाली कॉम्बैट यूनिफॉर्म पर आधिकारिक रूप से पेटेंट हासिल कर लिया है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि अब इस वर्दी की नकल कोई भी नहीं कर सकेगा. रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस यूनिफॉर्म को ‘न्यू कोट कॉम्बैट’ नाम दिया गया है, जिसे निफ्ट दिल्ली ने आर्मी डिजाइन ब्यूरो के साथ मिलकर तैयार किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, नई वर्दी सैनिकों को हर मौसम में सुरक्षा प्रदान करने के साथ उनके अभियान संबंधी कार्यों के लिए भी पूरी तरह अनुकूल मानी जा रही है. पेटेंट मिलने के बाद इसकी कॉपी बेचने या बनाने वालों पर कानूनी कार्रवाई तय है.

 

कब हुआ था ये लॉन्च

रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 में सेना ने डिजिटल प्रिंट वाली इस नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म को लॉन्च किया था. इसके बाद इसका डिजाइन डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय, कोलकाता में 27 फरवरी 2025 को आवेदन संख्या 449667-001 के साथ रजिस्टर्ड कराया गया. इससे यह स्थापित हो गया कि इस यूनिफॉर्म का पूरा डिजाइन अब कानूनी रूप से भारतीय सेना की बौद्धिक संपत्ति है.

 

बड़ी खास है नई यूनिफॉर्म

नई वर्दी की खासियत यह है कि इसमें आधुनिक तकनीकी वस्त्रों का इस्तेमाल किया गया है, जो सैनिकों को गर्मी, सर्दी, बारिश या ऊंचाई जैसे बदलते हालात में बेहतर सुरक्षा देते हैं. इसके एर्गोनोमिक डिजाइन के कारण सैनिकों की गतिशीलता, आराम और ऑपरेशनल क्षमता बढ़ती है. सेना का कहना है कि यह कदम आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.

 

वर्दी को लेकर रक्षा मंत्रालय ने कही बड़ी बात

इस नई वर्दी को लेकर रक्षा मंत्रालय के बताया कि इस यूनिफॉर्म का पेटेंट और डिजाइन अधिकार पूरी तरह सेना के पास रहेंगे. इसे 7 अक्टूबर 2025 को पेटेंट कार्यालय की आधिकारिक पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है. मंत्रालय ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर कोई संस्था या व्यक्ति इस डिजाइन की अवैध कॉपी बनाता है, बेचता है या इस्तेमाल करता है, तो उसके खिलाफ डिजाइन अधिनियम 2001 और पेटेंट अधिनियम 1970 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें जुर्माना, मुकदमा और कानूनी दंड शामिल हैं.

कैसा दिखती है ये नई वर्दी

नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म को तीन उन्नत परतों में तैयार किया गया है, जिससे सैनिकों को हर परिस्थिति में आराम और सुरक्षा मिल सके. इसकी बाहरी परत डिजिटल प्रिंटेड फैब्रिक से बनी है, जो घने जंगलों, पथरीले इलाकों और कठिन भूभाग में सहज मूवमेंट और बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है. मध्य परत, यानी आंतरिक जैकेट, हल्के इंसुलेटिंग कपड़े से बनी है जो शरीर को पर्याप्त गर्माहट देती है और लंबे अभियानों के दौरान तापमान स्थिर बनाए रखती है. वहीं सबसे भीतर की थर्मल बेस लेयर चरम मौसम में तापमान और नमी को संतुलित रखती है ताकि सैनिकों को अत्यधिक गर्मी या ठंड का सामना न करना पड़े. यह तीन-स्तरीय डिजाइन सेना की ऑपरेशनल क्षमता को बढ़ाने और हर मौसम में मजबूती से सामना करने के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है.