Brain Eating Amoeba एक नाम जिसे सुनते ही दिमाग ठिठक जाता है — ब्रेन-ईटिंग अमीबा.. जी हां, ये वही अमीबा है जो आपके दिमाग को खाने की ताकत रखता है! और हैरानी की बात ये है कि इस छोटे से जीव ने अभी तक कई लोगों की जान ले ली है।आज हम आपको ब्रेन ईटिंग अमीबा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो इंसान के दिमाग को खा सकता है. यह इतना घातक है कि अगर सही समय पर इलाज न मिले तो इंसान की जान भी जा सकती है. आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में.
आखिर ये अमीबा इतना खतरनाक क्यों हो गया ? Brain Eating Amoeba
![]()
दरसल ये अमीबा गर्म और गंदे मीठे पानी में पनपता है जैसे तालाब, झील, या स्विमिंग पूल ….जब आप वहां नहाते या तैरते हैं, तो ये अमीबा नाक के रास्ते सीधे आपके दिमाग तक पहुंच जाता है। खासकर बच्चों और युवाओं को इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है क्योंकि वे पानी में ज्यादा समय बिताते हैं। साथ ही, ग्रामीण इलाके जहां साफ पानी की कमी होती है, वहां के लोग भी इस खतरनाक संक्रमण के जाल में फंस सकते हैं।यह अमीबा नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। शुरुआत में इसे आप एक सामान्य वायरल संक्रमण समझ सकते हैं — हल्का सिरदर्द, बुखार, उल्टी, गर्दन में अकड़न। लेकिन धीरे-धीरे यह दिमाग को अपना शिकार बनाकर, भ्रम, दौरे और कोमा जैसी खतरनाक हालत में पहुंचा देता है। इस बीमारी से बचाव के लिए अभी तक कोई तय इलाज या वैक्सीन नहीं बनी है, और इसका मरने का खतरा 95% से भी ज्यादा है।

वहीं केरल की खास जलवायु, जहां बारिश के बाद तालाब-झीलें भर जाती हैं, यह अमीबा के लिए स्वर्ग के समान है। यहां के लोग जिन तालाबों और झीलों का रोजाना इस्तेमाल करते हैं, वे उनके लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। साथ ही, स्विमिंग पूल की साफ-सफाई में भी कई जगहों पर लापरवाही संक्रमण को हवा देती है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर आप इससे बचे कैसे , क्योंकि ये बात केवल केरल की नहीं , ये किसी भी गंदे पानी में पनप सकता है .. तो इससे बचने के लिए कुछ बातों को जरूर ध्यान में रखे .. जैसे…..

हमेशा साफ और उबला हुआ पानी पिएं और नहाएं
खुले जलाशयों में तैरते समय नाक में पानी जाने से बचें
स्विमिंग पूल की नियमित सफाई सुनिश्चित करें
सिरदर्द, बुखार, उल्टी जैसे लक्षण दिखें तो देर न करें, डॉक्टर से मिलें
स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें।
सोचिए, एक ऐसा जीव जो आपके दिमाग तक पहुंचकर उसे खा जाता है! ये कोई हॉरर फिल्म का प्लॉट नहीं, बल्कि केरल की धरती पर सच हो रहा है। तो अगली बार जब आप केरल की खूबसूरत झीलों और तालाबों की सैर करें, तो ध्यान रखें — कहीं ये नन्हा, मगर जानलेवा ‘दुश्मन’ आपके कदमों का पीछा तो नहीं कर रहा!

