Cadaveric Oath SGRR श्री गुरु राम राय इंस्टीटयूट ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ सांइसेज देहरादून के एनाटाॅमी विभाग में एमबीबीएस 2025 बैच के नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए कैडैवरिक ओथ (शव प्रतिज्ञा) समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को बाॅडी डोनेशन (शरीर दान) के महत्व से अवगत कराना और चिकित्सा शिक्षा में कैडैवर को प्रथम शिक्षक के रूप में सम्मान देने की भावना विकसित करना था। कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि डाॅ. संजय अग्रवाल, मैडम जसवीर कौर, इंद्रजीत सिंह और राजकिशोर जैन द्वारा संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलन के साथ हुई। एनटाॅमी विभाग की विभागध्यक्ष प्रो. हरमीत कौर ने दीप प्रज्वलन कर समारोह की औपचारिक शुरूआत की। इसके पश्चात एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को कैडैवरिक ओथ दिलाई गई।
कैडैवरिक ओथ समारोह से गूंजा एसजीआरआर Cadaveric Oath SGRR

डाॅ. संजय कुमार अग्रवाल महासचिव अखिल भारतीय अग्रवाल सोसाइटी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि लोग मेडिकल काॅलेजो के लिए नियमित रूप से अपने शरीर दान करने के लिए आगे आ रहे है। इंदरजीत सिंह महासचिव गुरसिख एजुकेशन ट्रस्ट ने बताया कि वे और उनकी बीस वर्षीय बेटी पहले ही बाॅडी डोनेशन फाॅर्म भर चुके है और चिकित्सा शिक्षा को सेवा देने की अपनी इच्छा व्यक्त कर चुके है। मैडम जसवीर कौर गुरसिख एजुकेशन सोसाइटी की प्रमुख स्तंभ एवं ट्रस्ट की प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर ने भी अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। राजकिशोर जैन अध्यक्ष- जैन मिलन ने छात्र-छात्राओं को आर्शीर्वाद प्रदान किया। अपने संबोधन मेें डाॅ. हरमीत कौर ने कैडैवरिक शिक्षा के महत्व पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि कैडैवर मेडिकल छात्र-छात्राओं का प्रथम शिक्षक होता है।

कैडैवरिक ओथ एक पवित्र प्रतिज्ञा है
जिसमें विद्यार्थी मानव शरीर को डिस्क्ट करने से पूर्व दाता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते है। कैडैवर को अपने प्रथम गुरु के रूप में स्वीकार करते है और प्राप्त ज्ञान का उपयोग मानवता की सेवा में नैतिक तरीके से करने का संकल्प लेते है। उन्होंने कहा कि समाज द्वारा मेडिकल काॅलेज को दान किए गए शरीर पवित्र और महान आत्माए होते है। डाॅ. हरमीत ने गर्वपूर्वक जानकारी दी कि मात्र चार दिन पूर्व ही एसजीआरआर आईएमएण्डएचएस के संकाय सदस्य डाॅ. मनोज के गुप्ता ने अपने पिता का पवित्र शरीर काॅलेज को दान किया है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से समाज में शरीर दान के प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की । कार्यक्रम में डाॅ. निधि जैन, डाॅ. शशि मुन्जाल, डाॅ. एस.अली, डाॅ. वंदना तिवारी, डाॅ. अनिशा नौटियाल, डाॅ. चंचल शर्मा, डाॅ. प्रिया अधाया और डाॅ. निकिता पोखिया की गरिमामयी उपस्थिति रही।

उद्देश्य: यह शपथ छात्रों को मानव शरीर के प्रति सम्मान और ज़िम्मेदारी का भाव सिखाती है, जिसे उनका पहला गुरु माना जाता है.
शपथ का सार: छात्र शपथ लेते हैं कि वे मानव शरीर का सम्मान करेंगे, नैतिक सिद्धांतों का पालन करेंगे और चिकित्सा व्यवसाय की गरिमा बनाए रखेंगे.
महत्व: यह शपथ छात्रों में सहानुभूति (empathy) और संवेदनशीलता विकसित करती है, जो उन्हें डॉक्टर-रोगी संबंध (doctor-patient relationship) बनाने में मदद करती है.
यह एक गंभीर समारोह के रूप में एनाटॉमी विभाग में आयोजित किया जाता है, जिसमें शरीर दान करने वाले व्यक्तियों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है. कैडेवरिक ओथ चिकित्सा शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो छात्रों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ मानवीय मूल्यों और नैतिक जिम्मेदारियों से जोड़ता है.

