Special Story By – Anita Tiwari , Uttarakhand
Char Dham Yatra 2022 देवभूमि उत्तराखंड ….. पहाड़ी वादियों और बर्फीले शिखरों के बीच अद्भुत सौंदर्य का एहसास करता उत्तराखंड … आध्यात्मिकता और शांति का ऐसा स्थल जहाँ कदम कदम पर आस्था और मान्यता का अद्भुत समागम होता है।

Char Dham Yatra 2022 : गर्मियों में इस बार कीजिये पवित्र चार धाम की यात्रा
- विश्व प्रसिद्ध उत्तराखंड के चारधाम मंदिर भक्तों के लिए कोरोना के बीते संकट के बाद अब पूरी भव्यता से खुलने जा रहे हैं। अक्षय तृतीया से उत्तराखंड के शीतकाल के लिए बंद मंदिर खुलने शुरू हो जाते हैं। उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा यमुनोत्री से शुरू होती है, इसके बाद गंगोत्री, फिर केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ धाम के दर्शन के बाद पूरी हो जाती है।

- Char Dham Yatra 2022 गंगा नदी का उद्गम स्थल गंगोत्री है और यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री है। ये दोनों तीर्थ उत्तरकाशी जिले में हैं। शिव जी का 11वां ज्योतिर्लिंग केदारनाथ है। ये मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। देश और उत्तराखंड के चारधामों में से एक है विष्णु जी का बद्रीनाथ धाम। ये मंदिर चामोली जिले में है।

- Char Dham Yatra 2022 यमुनोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है। ये मंदिर समुद्रतल से 3235 मी. ऊंचाई पर है। यहां देवी यमुना का मंदिर है। यहीं यमुना नदी का उद्गम स्थल भी है। यमुनोत्री मंदिर टिहरी गढ़वाल के राजा प्रतापशाह ने बनवाया था। इनके बाद मंदिर का जिर्णोद्धार जयपुर की रानी गुलेरिया ने करवाया था।

- Char Dham Yatra 2022 गंगोत्री से गंगा नदी का उद्गम होता है। यहां देवी गंगा का मंदिर है। समुद्र तल से ये मंदिर 3042 मीटर की ऊंचाई पर है। ये स्थान जिला उत्तरकाशी से 100 किमी की दूर है। हर साल गंगोत्री मंदिर मई से अक्टूबर तक के लिए खोला जाता है। बाकी समय में यहां का वातावरण प्रतिकूल रहता है, इसीलिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस क्षेत्र में राजा भागीरथ ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था। शिवजी यहां प्रकट हुए और उन्होंने गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर उसका वेग शांत किया था। इसके बाद इसी क्षेत्र में गंगा की पहली धारा भी गिरी थी।

- Char Dham Yatra 2022 केदारनाथ उत्तराखंड के चार धामों में तीसरे नंबर पर है। ये मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में 11वां है और सबसे ऊंची जगह ज्योतिर्लिंग है। महाभारत काल में यहां शिवजी ने पांडवों को बेल के रूप में दर्शन दिए थे। ये मंदिर आदिगुरु शंकराचार्य ने बनवाया था। मंदिर करीब 3,581 वर्ग मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और गौरीकुंड से करीब 16 किमी दूरी पर है।

- ऐसा माना जाता है कि 8वीं-9वीं सदी में आदिगुरु शंकराचार्य ने मौजूदा मंदिर बनवाया गया था।Char Dham Yatra 2022 मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इसी क्षेत्र में तपस्या की थी। उस समय महालक्ष्मी ने बदरी यानी बेर का पेड़ बनकर भगवान विष्णु को छाया दी थी और खराब मौसम में रक्षा की थी। लक्ष्मी जी के इस सर्मपण से भगवान प्रसन्न हुए थे और उन्होंने इस जगह को बद्रीनाथ नाम से प्रसिद्ध होने का वर दिया था।

- Char Dham Yatra 2022 बद्रीनाथ धाम में विष्णुजी की एक मीटर ऊंची काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा निर्धारित की गई व्यवस्था के अनुसार बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है। ये मंदिर करीब 3100 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
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