Dementia Risk : क्या आप शादीशुदा है ? क्या आपको भूलने की भी बिमारी है ? क्या आप स्वस्थ और प्रसन्न रहते हैं ? अगर थोड़ी भी कन्फ्यूजन है तो पढ़िए …. क्योंकि अब तक शादीशुदा जोड़ों पर जितने भी शोध हुए हैं, उनमें शादीशुदा लोग सिंगल लोगों से ज़्यादा स्वस्थ और खुश पाए गए हैं। यह भी कहा गया कि ऐसे जोड़ों को कोई बीमारी आसानी से नहीं होती, लेकिन हाल ही में एक अध्ययन सामने आया जिसमें कहा गया कि शादीशुदा जोड़ों को सिंगल लोगों के मुक़ाबले डिमेंशिया होने का खतरा ज़्यादा होता है। जोखिम 50% तक बढ़ जाता है एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग सिंगल, तलाकशुदा या विधवा या विधुर हैं, उनमें डिमेंशिया का खतरा 50 प्रतिशत कम होता है, जबकि शादीशुदा लोगों में यह खतरा उतना ही होता है। यह अध्ययन 24000 लोगों पर किया गया था।
डिमेंशिया क्या है? (What is dementia) :
डिमेंशिया(Dementia Risk) एक दिमाग़ी बीमारी है जिसमें व्यक्ति की याददाश्त कम होने लगती है। उसे घर का रास्ता याद नहीं रहता। वह चीजों को रखने के बाद भूलने लगता है। भ्रम की स्थिति पैदा होती है। वह निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है। भारत में 40 लाख से अधिक लोग इस बीमारी के शिकार हैं।शादीशुदा जोड़ों में डिमेंशिया(Dementia Risk) इसलिए अधिक होता है क्योंकि पार्टनर समय-समय पर एक-दूसरे का स्वास्थ्य परीक्षण करवाते हैं और साथ रहने पर उनमें लक्षण दिखने लगते हैं, जबकि सिंगल लोग स्वास्थ्य परीक्षण से बचते हैं और उनके व्यवहार में आए बदलावों को कोई नोटिस भी नहीं कर पाता।
शादीशुदा लोग सामाजिक नहीं होते (Married people are not social)
शोध में कहा गया है कि सिंगल लोग पार्टी करते हैं, दोस्तों के साथ घूमते हैं, वीकेंड एन्जॉय करते हैं, जबकि शादीशुदा जोड़े बहुत ज्यादा सामाजिक नहीं होते। वे अपने परिवार में ही मग्न रहते हैं और छुट्टियों में भी परिवार के साथ ही रहते हैं। लोगों से घुलने-मिलने से उनका दिमाग स्वस्थ नहीं रहता, जिससे उन्हें जल्दी भूलने की बीमारी हो सकती है।
जो कपल खुश नहीं रहते, उन्हें होती है परेशानी ( Couples who are not happy face problems) :
जो कपल शादीशुदा हैं, लेकिन एक-दूसरे से खुश नहीं हैं, एक-दूसरे का सम्मान नहीं करते, हमेशा लड़ते-झगड़ते रहते हैं, हमेशा तनाव में रहते हैं, ऐसे कपल दूसरे कपल के मुकाबले जल्दी बीमार पड़ते हैं। अक्सर देखा गया है कि रिलेशनशिप का तनाव उन्हें कई बीमारियों का शिकार बना देता है। ऐसे में उन्हें डिमेंशिया का खतरा भी हो सकता है। वहीं, सिंगल लोग तनाव मुक्त रहते हैं। उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है।