देहरादून से अनीता तिवारी की रिपोर्ट –
Dhami Cabinet Candidate कहते हैं राजनीति बड़ी निष्ठुर होती है इसमें न संवेदना होती है और ना ही रहम , इसीलिए राजनीति में अक्सर लोग समय की अहमियत को समझते हुए अपनी चालें चलते हैं। उत्तराखंड ने बीते 24 घंटे में एक बड़े दिग्गज और प्रभावशाली नेता को खो दिया है। कैबिनेट मंत्री रहे चंदन रामदास के निधन से जहां उत्तराखंड विधानसभा में एक विधायक की संख्या कम हुई है वही कैबिनेट में भी एक स्थान खाली हो गया है।
Dhami Cabinet Candidate कयास और संभावनाओं का दौर शुरू

Dhami Cabinet Candidate जैसा कि आप जानते हैं धामी सरकार के 1 वर्ष पूरा होने के बाद भी कुछ कैबिनेट मंत्रियों के पद लगातार खाली चल रहे हैं , जिस पर केंद्र और राज्य के दिग्गज माथापच्ची कर रहे थे. वहीं अब एक और स्थान खाली होने के बाद यह माथापच्ची और सिर दर्द बढ़ गई है। पहाड़ की राजनीति को करीब से समझने वाले बताते हैं कि सत्ताधारी भाजपा के लिए अब यह मुश्किल और भी बड़ी हो गई है , क्योंकि जहां एक तरफ बागेश्वर उपचुनाव की तरफ जाएगा तो वही कैबिनेट में एक खाली जगह के लिए कई दावेदार भी सामने आ जाएंगे , जो पहले से ही खाली पड़े पदों पर अपनी नजरें जमाए बैठे थे

Dhami Cabinet Candidate अब ऐसे में सवाल उठता है कि वो कौन से चेहरे होंगे ? नए होंगे पुराने होंगे ? युवा होंगे या वरिष्ठ होंगे ? धामी के करीबी होंगे या संगठन के वफादार ? केंद्र के कृपा पात्र होंगे या जनता के चहेते ? सवाल कई हैं और उम्मीदवार भी कई है , ऐसे में दिवंगत मंत्री की कमी को पूरा करने के लिए अब संगठन और सरकार को एक पुख्ता प्लान बनाना पड़ेगा क्योंकि निष्ठुर राजनीति में अवसर ही सबसे बड़ा हथियार होता है जब राजनेता अपने दावपेंच चलता है।
Dhami Cabinet Candidate भाजपा मुख्यालय में अंदर खाने जो सुगबुगाहट है वही कमोवेश कानाफूसी वरिष्ठ पत्रकारों की बैठकी में भी सुनाई दे रही है … अगर दावेदारों की बात करें तो बागेश्वर से विधायक रहे दिवंगत चंदन रामदास आरक्षित सीट से चुनकर आए थे और वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। ऐसे में संभव है कि भाजपा एक बार फिर ऐसे ही किसी ख़ास वर्ग से जुड़े विधायक को नया मंत्री बना सकती है।

Dhami Cabinet Candidate आरक्षित सीटों की बात करें तो पुरोला से दुर्गेश्वर लाल थराली से भोपाल राम टम्टा घनसाली से शक्ति लाल शाह और राजपुर रोड से खजान दास के साथ-साथ कई ऐसे विधायक हैं जो इस लिस्ट में शामिल हो सकते हैं। जिनमें पौड़ी आरक्षित से राजकुमार पोरी , गंगोलीहाट से फकीर राम टम्टा के साथ-साथ महिला उम्मीदवार के रूप में नैनीताल आरक्षित से सरिता आर्य भी बड़ी दावेदार हो सकती हैं। लेकिन एक खेमा ऐसा भी है जो यह मानता है कि मुख्यमंत्री के करीबी उस विधायक की लॉटरी लग सकती है जिसने बीते कुछ समय में सरकार के प्रति अपनी वफादारी साबित की है।
Dhami Cabinet Candidate एक और पहलू है जिसको समझने की जरूरत है और वह है वरिष्ठ और अनुभवी विधायकों का कैबिनेट में शामिल होना , जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत , मदन कौशिक और मुन्ना सिंह चौहान के साथ साथ एक युवा विधायक भी दावेदार हो सकता है। हालांकि यह संभावनाएं हैं और अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि क्या सरकार ने इस दिशा में सोचना शुरू कर दिया है ? लेकिन राजनीति में खेल हमेशा संभावनाओं का ही होता है। ऐसे में कोई हैरानी नहीं होगी कि अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मंत्री पद के दावेदार अपनी दावेदारी जल्द से जल्द पेश करते नजर आ जाए।
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