Digital Arrest भारत में लगातार साइबर स्कैम के लिए अपराधी नए-नए तरीके अपना रहें हैं।अब ठगी के लिए नया तरीका अपना लिया है.जिसे डिजिटल अरेस्ट के नाम से जाना जाता है.हाल ही में इस नए स्कैम के मामले बढते जा रहें हैं। इस तरह के स्कैम में आपको स्केमेर्स एक जगह पर बहुत समय तक बैठा कर रखतें है.साथ ही किसी से भी मदद नहीं लेने देते हैं. कह सकतें है की जैसे हाउस अरेस्ट होता है। वैसे ही इस स्कैम में डिजिटल तरीके से डिजिटल अरेस्ट किया जाता है।चलिए समझते हैं क्या है Digital Arrest और साइबर ठगों के इस नए तरीके से कैसे बचा जा सकता है।
जानिए क्या मतलब है इसका Digital Arrest

आमतौर पर अरेस्ट का मतलब होता है पुलिस द्वारा किसी को गिरफ्तार कर लेना। Digital Arrest में वीडियो कॉलिंग के जरिए पीड़ित पर नजर रखकर उसे ब्लैकमेल किया जाता है। अपराधी नकली पुलिस अधिकारी या किसी एजेंसी के ऑफिसर बनकर डराते-धमकाते हैं। फिर ठगी कर गायब हो जाते हैं। इसमें ठगी के लिए टेक्नोलॉजी के सहारे बैकग्राउंड में पुलिस स्टेशन या अन्य कोई ऑफिस क्रिएट किया जाता है। आइये आपको इससे जुड़े कुछ मामले बताते हैं।
पहला मामला है नोएडा का जहां, एक महिला के साथ डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया। इसमें ठगों ने खुद को अधिकारी बताते हुए महिला से कहा कि आपके आधार कार्ड से सिम कार्ड खरीदा गया है, जिसका इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया गया है। आगे की जांच का हवाला देकर काल को ट्रांसफर कर दिया जाता है। इसके बाद करीब 8 घंटे तक स्काइप कॉल से महिला को निगरानी कर उसे बंधक बनाए रखा गया। पीड़ित महिला को डराया धमकाया गया और उसके खाते से 11.11 लाख रुपये ट्रांसफर कराने के बाद कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया गया।
दूसरा मामला हरियाणा का है, बीते 13 अक्टूबर को हरियाणा के फरीदाबाद को 23 साल की महिला को इसी तरह की कॉल आती है, जहां ठगों ने उससे लगभग 2.5 लाख रुपये का चूना लगा दिया। साइबर अपराधियों ने पीड़ित को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और कहा कि उनके आधार नंबर का इस्तेमाल कंबोडिया में बड़ी संख्या में पासपोर्ट और कार्ड भेजने के लिए किया गया है। हाल ही में इसी तरह के कई डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं।ठग खुद को पुलिस और खुफिया अधिकारी बताते हैं और वीडियो कॉल में लंबे समय तक ऑनलाइन रहने के लिए कहा जाता है। पैसे ठगने के लिए वे ऐसे कई हथकंडे अपनाते हैं। अंत में पीड़ित को पैसे देकर बचने का ऑप्शन देते हैं, जिससे लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं।
Digital Arrest Scam से कैसे बचें
डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई चीज नहीं है। इससे घबराए नहीं, कॉल को डिस्कनेक्ट कर दें.
अगर कोई कॉल आती है तो पहले उसकी पहचान और क्रेडेंशियल को वेरीफाई करें.
अपनी पर्सनल या प्राइवेट जानकारी बिलकुल न दें।
इस तरह के फेक कॉल (Digital Arrest) को आप 1930 या 112 पर डायल कर के भी वेरीफाई कर सकते हैं.
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