
Disaster Plan मानसून में आई आपदा से भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में पुनर्निर्माण के काम के साथ ही आपदा के प्रभावों को कम करने के लिए सिस्टम को और अधिक मजबूत करने का प्रयास आपदा प्रबंधन विभाग कर रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग विश्व बैंक के पास पांच सौ करोड़ का प्रोजेक्ट भेजेगा, जिससे तहसील में कंट्रोल रूम बनाने से लेकर कई योजनाओं पर काम करने की योजना है।
इस बार प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान हुआ है। आपदा में 136 लोगों की मौत और 149 लोग घायल हुए। छह हजार से आवासों को नुकसान पहुंचा। सरकारी संपत्ति को काफी क्षति पहुंची है। अब आपदा प्रबंधन विभाग ने अतिवृष्टि के प्रभावों को कम करने के लिए संसाधनों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत विश्व बैंक की यू प्रिपेयर योजना के तहत प्रस्ताव भेजा जाएगा।
इन संसाधनों को बढ़ाने की योजना Disaster Plan
आपदा प्रबंधन विभाग में 1480 करोड़ से अधिक की विश्व बैंक की यू प्रिपेयर योजना के तहत काम चल रहा है। प्रोजेक्ट की समय सीमा पांच साल के लिए है। विभाग की योजना है कि संबंधित योजना में कंटिजेंसी इमरजेंसी रिस्पांस कंपोनेंट (सीईआरसी) के तहत 500 करोड़ का प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के माध्यम से भेजा जाएगा। हाल में शासन स्तर पर बैठक में इस पर चर्चा भी हुई थी। साथ ही प्रोजेक्ट तैयार करने का काम चल रहा है। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन कहते हैं कि आपदा प्रबंधन के जिला स्तर पर कंट्रोल रूम हैं, उनको और सुदृढ़ करना, तहसील स्तर पर भी कंट्रोल रूम की स्थापना, रेस्क्यू व्हीकल खरीदने की योजना है। इसके साथ ही डिजास्टर से बचने के लिए शेल्टर बनाने से लेकर प्री फैब्रिकेटेड स्कूलों का निर्माण की योजना है।