मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अग्निशमन सेवा सप्ताह के अवसर(Fire Service Week) पर आयोजित कार्यक्रम में तृतीय ऑल इंडिया फायर सर्विस गेम्स के दौरान पदक जीतने वाले 7 एवं गृह मंत्रालय, भारत सरकार के डीजीएफएस डिस्क मेडल विजेता 2 अग्निशमन कर्मियों को सम्मानित किया।मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड फायर सर्विस में सम्मिलित 20 नए फायर टेंडर एवं अग्निशमन वाहनों को जन-जागरूकता हेतु हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने अग्निशमन कर्मियों द्वारा दिखाए गए करतबों का भी अवलोकन किया।
उत्तराखंड में बनेगा फायर सर्विस का वर्ड क्लास प्रशिक्षण केन्द्र
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भीमताल, द्वाराहाट, गौचर, पुरोला और सहस्त्रधारा में जल्द ही नए फायर स्टेशन खोले जाने, उत्तराखण्ड में फायर सर्विस का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किए जाने एवं प्रयागराज में हुए महाकुंभ में ड्यूटी कर अपना कर्तव्य निभाने वाले उत्तराखंड फायर सर्विस के सभी कर्मियों को 10-10 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा(Fire Service Week) के जवानों ने उत्तराखंड बनने से अब तक 53 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को आग से बचाया है। 27 हजार से अधिक मनुष्यों एवं लगभग 7 हजार पशुओं का जीवन भी बचाया है। अब महिलाएं भी उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा में फायर फाइटर के रूप में अपना योगदान दे रही हैं, जो सभी को गौरवान्वित करता है।
केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड अग्निशमन के लिए स्वीकृत किए 71 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, प्रदेश में अग्निशमन एवं आपात सेवा(Fire Service Week) से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत एवं रक्षा उपकरणों के आधुनिकीकरण पर कार्य कर रही है। केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपात सेवा के लिए 71 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। वर्तमान में प्रदेश में 18 फायर स्टेशनों का निर्माण एवं फायर इमरजेंसी से निपटने के लिए विश्वस्तरीय उपकरणों को खरीदने के प्रयास भी जारी हैं। अग्निशमन कर्मियों की सुरक्षा हेतु सरकार ने विश्वस्तरीय गुणवत्ता के फायर सूट भी खरीदे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैण में फायर स्टेशन भवन का निर्माण करने के साथ ही 78 से अधिक आवासों का निर्माण भी किया जा रहा है। राज्य सरकार ने जनपद हरिद्वार के बहादराबाद फायर स्टेशन को भी स्वीकृत किया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप शासन स्तर पर फायर स्टेशनों की मैपिंग की जा रही है, जिसके बाद दूरस्थ क्षेत्रों में फायर स्टेशन खोले का सकेंगे।