Special Report By : Anita Tiwari , Dehradun

Gairsain Politics 2022 एक पत्रकार के तौर पर मुझे याद है जब मैं कौतूहल और उत्सुकता अपने साथ लिए दिल – ए – देवभूमि गैरसैंण गया था। बड़े तामझाम और प्रोपोगंडा के बीच गैरसैण के छोटे से मैदान में तत्कालीन राज्य सरकार ने टेंट में पहला विधानसभा सत्र आयोजित किया था। एक सरकारी अनुष्ठान की तरह मुख्य बाजार के छोटे से खेल के मैदान को विधानसभा का मंडप भवन बनाया गया था बिजली पानी सड़क वगैरह वगैरह आनन फांफन में चौकस कर दिया गया था और पूरे इलाके में पीपली लाइव जैसा नजारा देखने को मिला था।
Gairsain Politics 2022 दिल – ए – पहाड़ का हाल – ए – दिल

Gairsain Politics 2022 देहरादून से गाड़ियों में भरकर पत्रकारों को ले जाया गया था। कर्णप्रयाग के एक सरकारी गेस्ट हाउस में मानों पिकनिक जैसा माहौल था , वेज नॉनवेज वगैरह – वगैरह लल्लनटॉप … खबरनवीसों को सरकारी गेस्ट हाउस में टिकाया गया खूब आवभगत की गयी और 20 किलोमीटर रोजाना का सफर तय कर कलमकारों ने ईमानदारी से गैरसैंण के खेल मैदान में चलने वाले टेंट नुमा विधानसभा की कार्यवाही को इवेंट की तरह देश और दुनिया को दिखाया था। मेरे लिए भी वह नजारा किसी मेले से कम नहीं था , बाहर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच विधायकों का नाच गाना और अंदर कच्चे-पक्के निर्माण कार्य से तैयार किया गया उत्तराखंड का विधानसभा भवन जिसके अंदर चली थी पहली पहाड़ी विधानसभा , फोटो खिंच रही थी , ब्रांडिंग भी हो रही थी , जनता भी झुण्ड में ये खेला देख रही थी। मुझे याद है कि विधान सभा मंडप वाले मैदान से थोड़ी दूरी पर विधायकों , मंत्रियों और अधिकारियों के लिए शानदार टेंट लगाए गए थे।

Gairsain Politics 2022 तमाम चैनलों के रिपोर्टर गैरसैण के एक एक कोने को सलीके और करीने से पेश करती रिपोर्ट बना रहे थे। कवरेज के दौरान मैंने देखा था कि वहां खेत में ही शानदार बाथटब , इंग्लिश – हिंगलिश टॉयलेट , शानदार नाश्ता और भोज जंगल में मंगल का एहसास करा रहे थे। गालिबन मैं भी इन ड्रामाटिक दिनों में लुत्फ़्न्दोज होने की गरज़ से उन मंत्रियों के संग पकवान का स्वाद चख रहा था जिनका मैं मुंहलगा सा होने का भरम रखता था।

Gairsain Politics 2022 फिर याद आता है मुझे भराड़ीसैंण का वह दौरा जब तत्कालीन मुख्य सचिव राकेश शर्मा तिराहे से अंदर जाने वाले मार्ग से भराड़ीसैंण विधानसभा तक के बीच के रास्ते को जो उस वक्त जंगल नुमा कच्चा पक्का और टेढ़ा मेढ़ा था , उसे जेसीबी मशीन से ठीक ठाक कराने के निर्देश देते नज़र आते थे। उस दौरान भराड़ीसैंण विधानसभा जिसे आज आप देख रहे हैं वहां टीले के इर्द गिर्द वह एक छोटे से कुछ घरों का गांव हुआ करता था , जहां हमने लोगों से बात की थी और इस संभावित विधानसभा भवन की आड़ में उनके चमकने वाले भविष्य के बारे में राय जानी थी। पहली ईट और पहली पूजा का गवाह भी मैं रहा हूं। उस वक्त कहा जा रहा था कि यह पहाड़ की चोटी पर प्रस्तावित विधानसभा डेंजर जोन में भी आती है। लेकिन सभी संभावनाओं को किनारे करते हुए वहां पर यह आलीशान ढांचा खड़ा कर दिया गया जिसे लोग गैरसैण की भावनाओं और राज्य आंदोलनकारियों के शहादत से तैयार किया गया एक मंदिर कहते हैं।

Gairsain Politics 2022 इसमें कोई दो राय नहीं कि उत्तराखंड की राजनीति में गैरसैंण एक दिल है और इसमें धड़कता है उत्तराखंड के एक करोड़ से ज्यादा उत्तराखंडियों की आत्मा .. फिर कई साल बीत गए लगभग 8 साल बाद मेरा फिर गैरसैंण जाना हुआ। मैंने कौतूहल और उत्सुकता वश दूर से ही उस विधानसभा भवन को देखा जो आज एक भव्य इमारत के रूप में खड़ी है। लेकिन उसके ईट पत्थर नेताओं के खोखले वादों और मोटे बजट के बंदरबांट का कच्चा चिट्ठा बयां कर रहा है। कहा जाता है कि जब भराडीसैंण में विधानसभा तैयार हो रही थी तो बड़े पैमाने पर नेताओं ने ही वहां की जमीनों को खरीद लिया था और अब उसकी कीमत आसमान पर है।

Gairsain Politics 2022 अब जुलाई 2022 की बात कर लेते हैं जहां यह खबर भी आई कि देहरादून में रायपुर में विधानसभा बनाने की फाइल हिलने लगी है। यानी देहरादून में मौजूदा विधानसभा रायपुर में प्रस्तावित विधानसभा और गैरसैण में संभावित विधानसभा है …. है ना गजब की बात ! राज्य एक विधानसभा 3 यह तो बड़ी नाइंसाफी है। लेकिन इस बीच अब एक नई खबर सामने आई है जिसने प्रदेश की राजनीति को नई दिशा देने का जैसे इशारा कर दिया है। चर्चित पत्रकार से पहली बार विधायक बने सक्रिय शख्सियत उमेश कुमार ने ऐलान किया है कि अब वो गैरसैण में घर बनाएंगे और वही से अपनी राजनीति को नई धार देंगे। क्योंकि एक पत्रकार होने के नाते विधायक बन चुके सीएम धामी के प्रिय और भाजपा के खैरख्वाह यह जानते हैं कि अगर पहाड़ में राजनीति के घोड़े को सरपट दौड़ आना है तो गैरसैंण की चोटी पर अपना सियासी परचम लहराना ही पड़ेगा।
Gairsain Politics 2022 MLA उमेश कुमार अब वो गैरसैंण में घर बनाएंगे

Gairsain Politics 2022 तो क्या यह मान लिया जाए कि जिस मुद्दे को अपने-अपने नफे नुकसान के मुताबिक कांग्रेस और भाजपा के साथ-साथ यूकेडी ने समय-समय पर भुनाया है उसे अब तेज़तर्रार विधायक ने लपक लिया है और छेड़ दिया है वो तार जो सीधे जुड़ा है उत्तराखंड के लाखों मतदाताओं की भावनाओं के साथ … इसमें कोई दो राय नहीं कि इस कदम से प्रदेश की राजनीति में असल मुद्दों पर बहस शुरू होगी , पहाड़ियों के मसलों की बात होगी और उत्तराखंडियत के झंडे के साथ उमेश कुमार देहरादून के मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने की सड़क को भी तैयार कर सकेंगे। क्योंकि संवेदनशील मुद्दों को अपने एजेंडे में शामिल कर एमएलए उमेश कुमार आने वाले सालों में सत्ता के शीर्ष पर होंगे , क्योंकि संभावनाएं छोटे से राज्य में चंद विधायकों के गुणा गणित पर टिकी होती है… ऐसे में राजतंत्र को करीब से समझने वाले अगर लोकतंत्र के सहारे जनतंत्र को साध लेंगे तो मुश्किल कुछ भी नहीं है।
खबर में पढ़ें – सीएम धामी ने 2 PCS को दी बड़ी जिम्मेदारी https://shininguttarakhandnews.com/transfer-dhami-government-pcs/
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