Ganga Dussehra 2023 हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 30 मई, मंगलवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवनदी गंगा इसी तिथि पर स्वर्ग से उतरकर धरती पर आई थी। देवनदी गंगा के धरती पर आने की कहानी भी बहुत ही रोचक है, लेकिन बहुत कम लोग इन कथा के बारे में जानते हैं। आगे जानिए देवनदी गंगा के धरती पर आने की संपूर्ण कथा…
Ganga Dussehra 2023 राजा सगर ने किया अश्वमेध यज्ञ

- Ganga Dussehra 2023 वाल्मीकि रामायण के अनुसार, इक्ष्वाकु वंश में सगर नाम के एक राजा थे, उनके 60 हजार पुत्र थे। एक बार राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया। राजा सगर ने अपने 60 हजार पुत्रों को उस यज्ञ के घोड़े की रक्षा का भार सौंपा। देवराज इंद्र ये यज्ञ नहीं होने देना चाहते थे, इसलिए उन्होंने छलपूर्वक यज्ञ का घोड़ा चुराकर कपिल मुनि के आश्रम में बांध दिया।Ganga Dussehra 2023 कपिल मुनि ने भस्म कर दिया सगर पुत्रों को

- Ganga Dussehra 2023 यज्ञ का घोड़ा चोरी हो जाने से राजा सगर के 60 हजार पुत्र उसे पूरी पृथ्वी पर इधर-उधर ढूंढने लगे। तब उन्हें वो घोड़ा कपिल मुनि के आश्रम में मिला। राजा सगर के पुत्रों को लगा कि कपिल मुनि ने ही वो घोड़ा चुराया है। ये सोचकर वे कपिल मुनि को भला-बुरा कहने लगे। कपिल मुनि तपस्या में लीन थे। जैसे ही उन्होंने क्रोध में अपनी आंखें खोली तो राजा सगर के 60 हजार पुत्र वहीं भस्म हो गए।भगीरथ लेकर आए गंगा को धरती पर
- Ganga Dussehra 2023 राजा सगर को जब अपने 60 हजार पुत्रों के बारे में बता चला तो वे बहुत दुखी और उन्होंने कपिल मुनि से क्षमा मांगी। राजा सगर ने अपने पुत्रों के उद्धार का उपाय पूछा। तब कपिल मुनि ने बताया कि देवनदी गंगा के स्पर्श से ही इन्हें मोक्ष मिलेगा। कई पीढ़ियों बाद राजा सगर के वंश में भगीरथ का जन्म हुआ। उन्होंने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए कठोर तपस्या की और गंगा को धरती पर लाए। गंगा के स्पर्श से ही राजा सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार हुआ।
आने दो उसको , तैयार है देवभूमि https://shininguttarakhandnews.com/mansoon-uttarakhand-disaster/