gangotri dham yatra विश्वप्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर 10 मई को 12:25 बजे अभिजीत मुहूर्त और अमृत बेला पर खोले जाएंगे। इस अवसर पर गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया जाएगा। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश सेमवाल व सचिव सुरेश सेमवाल ने कपाटोद्घान के लिए तय मुहूर्त की जानकारी दी। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को सुबह 7 बजे और बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह 6 बजे खुलेंगे। वहीं प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस बार भी यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियाें के लिए पंजीकरण करना अनिवार्य रहेगा।
10 मई को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट gangotri dham yatra
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सनातन धर्म के प्रमुख तीर्थों में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को भी माना गया है। बद्रीनाथ व केदारनाथ की तरह ही यहां भी बर्फबारी के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते है। जिसके करीब 6 माह बाद पुन: ये कपाट खोले जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देवभूमि में एक ऐसा भी मंदिर है, जिसके संबंध में मान्यता है कि यहां दर्शन किए बिना गंगोत्री जाने पर भी मां गंगा का आशीर्वाद नहीं मिलता यानि बिना इस मंदिर के दर्शन के गंगोत्री यात्रा अधूरी मानी जाती है।
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देवभूमि में भी एक काशी है, जिसे उत्तरकाशी के रूप में जाना जाता है। यहां काशी विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर उत्तरकाशी की विशेष पहचान है। माना जाता है कि इस नगर पर हमेशा से भोलेनाथ की कृपा रही है, यही वजह है कि उत्तरकाशी को विश्वनाथ नगरी कहा जाता है। चारधामों में से एक गंगोत्री धाम इसी क्षेत्र में पड़ता है और कहा जाता है कि अगर भगवान विश्वनाथ के दर्शन नहीं किए तो मां गंगा का आशीर्वाद नहीं मिलता…बिना विश्वनाथ मंदिर के दर्शन के गंगोत्री यात्रा अर्थहीन है। यही वजह है कि गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही उत्तरकाशी में भगवान विश्वनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।
इस मंदिर में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के दाईं और शक्ति मंदिर है।कहते हैं कि राजा भगीरथ ने मां गंगा को धरती पर लाने के लिए जिस जगह तपस्या की थी, वो उत्तरकाशी ही है। काशी विश्वनाथ के मंदिर की स्थापना के पीछे भी कई कहानियां प्रचलित हैं। प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। पर्यटन विभाग ने यात्रा व्यवस्थाओं के लिए गढ़वाल मंडल आयुक्त को पांच करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। इस राशि को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों को बेहतर व्यवस्थाओं व सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा।
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