मॉडर्न लाइफस्टाइल का एक जरूरी हिस्सा फोन और सोशल मीडिया(Reel) भी है। लोग दोनों के बिना ही अपनी जिंदगी में अधूरे हैं। लोग सोशल मीडिया पर दिन-रात समय गुजारते हैं, जिस वजह से मेंटल हेल्थ बिगड़ रही है। रील देखने की बीमारी तो लोगों, बच्चों और बूढ़ों में इस कदर लगी गई है कि अगर कोई काम करने को नहीं है, तो टाइम पास करने के लिए रील देखना भी हमारी रोज की दिनचर्या में शामिल हो गया है। Reel Induced Eye Damage, ऐसी ही एक बीमारी है, जो आंखों को प्रभावित कर रही है और रील देखना इसका प्रमुख कारण है। इसके अलावा भी कई बीमारियां हैं, जो रील या सोशल मीडिया पर समय बिताने से हो रही हैं। चलिए जानते हैं इन बीमारियों के बारे में और इनके संकेतों के बारे में।
Reel देखने वालों में बढ़ रही बीमारियां
सोशल मीडिया पर समय बिताने से, घंटों स्क्रीन टाइम के संपर्क में रहने से खासतौर पर इंस्टाग्राम, टिकटॉक, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगातार शॉर्ट वीडियोज देखने का क्रेज आंखों के विकारों को बढ़ा रहा है। ब्लू स्क्रीन सभी आयु के लोगों को विशेष रूप से बच्चों और युवा वयस्कों में इसकी वृद्धि कर रहा है।
इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी और ऑल इंडिया ऑप्थल्मोलॉजी सोसाइटी ने हाल ही में एक बैठक की, जहां विशेषज्ञों के समूह ने इस विषय पर बात करते हुए बताया कि यह समस्या कितनी गंभीर है और रील(Reel) देखना किसी के लिए कितना खतरनाक है। एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी 2025 कांग्रेस के अध्यक्ष डॉक्टर ललित वर्मा ने ज्यादा स्क्रीन एक्सपोजर के चलते होने वाले ड्राई आई स्ट्रेन के बारे में बताया है। वे कहते हैं कि यह एक महामारी का रूप भी ले सकती है, अगर समय रहते लोग इसकी रोकथाम के उपायों को न अपनाएं। साथ ही, इस मामलों में वृद्धि पर भी कहते हैं कि रील देखने की वजह से बच्चों में ड्राई आई सिंड्रोम, मायोपिया प्रोग्रेस और आई स्ट्रेन की प्रॉब्लम काफी बढ़ गई है।