
Human Nature माना जाता है कि युगों पहले जब सभ्यता सलीका और जीवन में कोई सब जानते हैं कि आदमी वानर जैसे पूर्वजों से विकसित हुए , पेड़ों पर रहा करते थे। फिर नीचे उतरे और सीधे चलना प्रारम्भ किया। उनके शरीर पर वानरों की तरह बहुत सारे बाल हुआ करते थे। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब उनके शरीर के सारे बाल गिर गए। फिर उन्हें सुरक्षा के लिए कपड़ों की आवश्यकता पड़ी। उन्होंने पत्ते लपेटे , लताओं से शरीर ढका ,लेकिन क्या आपको पता है कि इंसानों ने कपड़े पहनना कब प्रारम्भ किया?
जानते हैं इसका जवाब Human Nature
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, जीव वैज्ञानिकों ने इसके बारे में कुछ साक्ष्य इकट्ठा किए हैं, जो हमें बताते हैं कि इंसान पहले पत्थर, हड्डी और अन्य सख्त सामग्रियों से बने ‘कपड़े’ पहना करते थे। ये काफी टिकाऊ होती थीं और शरीर से सरकती नहीं थीं। फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी डेविड रीड ने कहा कि इंसानों के कपड़े पहनने का जुओं से सीधा संबंध है। पहले जुएं इंसानों के शरीर पर बालों में छिपे रहते थे। पूरे शरीर पर घूमते रहते थे लेकिन जब बाल गिरने लगे तो वे भी खत्म हो गए। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि लगभग 1.2 मिलियन साल पहले इंसानों के शरीर से बाल गिरे और जुएं खत्म हो गए। फिर एक अन्य प्रकार की जूं उत्पन्न हुई जो इंसानों के कपड़ों में रह सकती थी। वे दिन में केवल एक बार भोजन करती थीं।
सबसे पहले पहनी भालू की खाल
रीड के मुताबिक, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंसानों ने लगभग 1.70 लाख वर्ष पहले हिमयुग के आखिरी चरणों में शायद साधारण कपड़े पहनना प्रारम्भ कर दिया था। लेकिन जर्मनी में ट्यूबिंग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के अनुसार कुछ साक्ष्य ये भी बताते हैं कि होमिनिन्स इससे बहुत पहले कपड़े पहनते थे। वे लगभग 300,000 वर्ष पहले गर्म रहने के लिए भालू की खाल पहनते थे। होमिनिन्स हमारे करीबी सम्बन्धी थे, जो विलुप्त हो गए। पता ये भी चला है कि इन खालों की वजह से इंसानों के शरीर पर कट के निशान बन जाया करते थे। पसलियों, खोपड़ी, हाथों और पैरों पर ये निशान देखे जा सकते थे। बाद में इन्हीं खालों से वे घर बनाने लगे। चूंकि उस वक्त तापमान औसतन 2 डिग्री सेल्सियस था, इसलिए ये खालें काफी उपयोगी होती थीं।
बंजर गुफाओं से चाँद तक पहुंचा इंसान
आज से 32,000 वर्ष पहले तस्मानिया में आदिवासी लोग संभवत ठंड से बचने के लिए गुफाओं में चले गए। पुरातात्विक रिकॉर्ड से पता चलता है कि इन्हीं गुफाओं में उन्होंने कपड़े बनाए। उस वक्त के खाल-खुरचने वाले उपकरण, सुई की तरह दिखने वाले हथियार भी मिले हैं। इन्हें हड्डी से तैयार किया गया था। लेकिन फिर मौसम गर्म हो गया और उन्होंने कपड़े पहनना बंद कर दिया। 11,700 वर्ष पहले से लेकर आज तक बहुत कुछ बदला। इंसानों ने अपने शरीर को विस्तृत रूप से सजाया अपने बालों को रंगा और खुद को संवारने का प्रयास और प्रयोग शुरू किया था जो आज आधुनिक युग में चाँद की धरती तक पहुँच गया है।
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