देहरादून से अनीता आशीष तिवारी की रिपोर्ट –
Indresh Hospital cardiology डॉक्टर्स भगवान नहीं लेकिन उनसे कम भी नहीं हैं एक बार फिर ये भरोसा मज़बूत किया है श्री महन्त इंदिरेश अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर साहिल महाजन ने ….. उन्होंने डेढ़ साल के मासूम बच्चे को नया जीवन दिया है। ऐसा सम्भव हुया है ट्रांसएसोफेजियल इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी अध्ययन के सफल इलाज से आपको बता दें कि ऐसा कामयाब इलाज़ करने वाला श्री मंहत इंद्रेश अस्पताल उत्तर भारत में पहला और पूरे भारत में सीएमसी वेल्लोर के बाद दूसरा केंद्र हैं। हैरानी की बात ये है कि जब शिशु माता के गर्भ में था तभी असामान्य हृदय गति से संबंधित बीमारी का पता चला था जिसके इलाज के लिए उन्होंने बहुत से डॉक्टर को दिखाया था परंतु सभी ने इलाज के लिए हाँथ खड़े कर बड़े अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दी।
इंद्रेश हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग ने रचा इतिहास Indresh Hospital cardiology

इसके बाद माता पिता श्री महन्त इंदिरेश अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर साहिल महाजन से मिले जहाँ डॉक्टर साहिल महाजन ने शिशु का गर्भ में तथा जन्म के पहले महीने से लेकर 1.5 साल तक बीमारी को दवाइयों के द्वारा ही नियंत्रित रखा ।डॉक्टर द्वारा ईसीजी और इकोकार्डियोग्राफी जांच कर बच्चे के माता पिता को बच्चे की समस्या बताई वा भारत में नवीनतम तकनीक ट्रांसएसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन द्वारा इलाज करने की सलाह दी बच्चे के माता पिता द्वारा श्री मंहत इंद्रेश अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉक्टर साहिल महाजन पर अटूट विश्वास करते हुए अपनी सहमति दी
जिसके के बाद 3 नवंबर को डॉक्टर साहिल महाजन ने डॉक्टर जॉन रोशन जैकब प्रोफेसर सीएमसी वेल्लोर जो प्रॉक्टर के रुप में उपस्थित थे, डॉक्टर अभिषेक मित्तल वा अन्य स्टाफ के साथ मिलकर बच्चे का ट्रांसएसोफेजियल इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी अध्ययन के द्वारा बच्चे की जन्मजात बीमारी के कारण का पता करके उसका सफलता पूर्वज इलाज किया गया। बच्चा अभी बिल्कुल स्वस्थ है तथा इसके बाद उसकी इस रोग से संबंधित दवाइयां भी बंद हो चुकी है। श्री मंहत इंद्रेश अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग उत्तर भारत के बड़े कार्डियोलॉजी विभागो में से एक है जहा ह्रदय रोग से संबंधित बीमारियों का अत्याधुनिक तकनीक द्वारा इलाज किया जा रहा है।
पहले मरीज इलाज करवाने बड़े बड़े शहरों के बड़े अस्पताल में इलाज कराने हेतु भटकते रहते थे परतु अब दूसरे राज्यों से इलाज हेतु मरीज श्री मंहत इंद्रेश अस्पताल पहुंच रहे है। उत्तराखण्ड उत्तरप्रदेश व अन्य राज्यो से आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज देने में भी श्री मंहत इंद्रेश अस्पताल सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। इसके अलावा अन्य पैनल जैसे ईसीएसएच गोल्डन कार्ड एईएसआई इत्यादि कार्ड धारकों को इलाज की सुविधा भी पूर्व के तरह सुचारू रूप से चल रही है।
PM मोदी ने सुरंग हादसे पर ली अपडेट , रेस्क्यू हुआ तेज़ https://shininguttarakhandnews.com/tunnel-collapsed-uttarkashi/